Bihar: मुजफ्फरपुर जिले की एक नेत्र अस्पताल में 65 लोगों की आंखों के मोतियाबिंद ऑपरेशन के बाद 26 लोगों के आंख की रोशनी गायब हो जाने का मामला सामने आया है, सात की निकालनी पड़ी आंख, जबकि 15 लोगों की स्थिति गंभीर है, जिन्हें इलाज के लिए पटना लाया गया है, इनमें से कई के आंख निकालने की भी नौबत आ गई है, इस घटना में बाबत हॉस्पिटल की लापरवाही सामने आई है।
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जानकारी के अनुसार आंखों का ऑपरेशन जिस अस्पताल में कराया गया था, वह एक ट्रस्ट द्वारा संचालित है घटना बीते 22 नवंबर की है, जब मुजफ्फरपुर में ट्रस्ट की तरफ से संचालित नेत्र हॉस्पिटल में पीड़ितों के मोतियाबिंद का ऑपरेशन हुआ था, ऑपरेशन के अगले दिन यानी 23 नवंबर को जब उनकी आंखों के आगे से पट्टी खोली गई, तो उन्हें कुछ नहीं दिखाई दे रहा था, इसके बाद यह मामला मुजफ्फरपुर के सीएस तक पहुंचा है।
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26 पीड़ित लोगों में से 15 मरीजों को गंभीर संक्रमण होने के बाद पटना भेज दिया गया है, इस मामले में नेत्र हॉस्पिटल के सचिव दिलीप जलाल ने बताया कि ऑपरेशन के बाद 5-6 मरीजों के आंखों की रोशनी जाने का मामला सामने आया है, इनके आंखों में संक्रमण गहरा होने के कारण छह की आंख निकाली पड़ सकती है, बेहतर इलाज के लिए पटना भेजा गया है, जहां इनका इलाज चल रहा है।
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मोतियाबिंद के ऑपरेशन में गंभीर लापरवाही के बाद यह पता लगाने की कोशिश की जा रही है कि आंखों का ऑपरेशन किस डॉक्टर ने किया था, उसका क्या नाम है, मरीजों के मिले पर्ची पर डॉक्टर का नाम एनडीएस लिखा है, इस संबंध में अस्पताल के सचिव दिलीप जलाल ने बताया कि मोतियाबिंद का ऑपरेशन डॉक्टर एनडी साहू ने किया था उन्हें आग्रह करके यहां बुलाया गया था।
वही जब इस घटना के संबंध में डॉ साहू से पूछा गया तो उन्होंने कहा कि वह 2015 में ही मुजफ्फरपुर आई हॉस्पिटल छोड़ चुके हैं, ऑपरेशन ना उन्होंने किया है, ना उस अस्पताल से उनका कोई लेना-देना है। वहीं सूत्रों से मिली जानकारी के मुताबिक अस्पताल में भर्ती मरीजों की स्थिति बिगड़ती जा रही है, लगातार आंखों में इंफेक्शन बढ़ता जा रहा है खबर लिखे जाने तक 7 लोगों की आंखें निकाली जा चुकी है, जबकि सभी 65 लोग जिनके आंखों के मोतियाबिंद का ऑपरेशन हुआ है उनकी रोशनी जाने की आशंका बनी हुई है।