Bihar: कैमूर जिले के चैनपुर प्रखंड क्षेत्र के मसोई गांव के समीप भारतमाला परियोजना के तहत होने वाले एक्सप्रेस-वे निर्माण के लिए बनाए जा रहे कैंप के कार्य को शुक्रवार मुआवजे से असंतुष्ट आक्रोशित किसानों के द्वारा सैकड़ो की संख्या में पहुंचकर रोक दिया गया जिसके बाद सभी किसान अनिश्चितकालीन हड़ताल पर बैठ गए हैं।
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धरना पर बैठे भारतीय किसान यूनियन के संयोजक अभिमन्यु सिंह, किसान संघर्ष मोर्चा के जिलाध्यक्ष विमलेश पांडे एवं महासचिव पशुपतिनाथ के द्वारा बताया गया कोलकाता वाराणसी रांची एक्सप्रेस-वे निर्माण के लिए सरकार के द्वारा भूमि अधिग्रहण किया जा रहा है जिसमें पदाधिकारी के द्वारा भारी अनियमितता बरती जा रही है आवासीय भूमि को कृषि योग्य बात कर किसानों को गुमराह करने का कार्य किया जा रहा है जो मुआवजा सरकार के द्वारा दिया जा रहा है वह 2013 सर्किल रेट के आधार पर है जबकि वर्ष 2023 चल रहा है।
जब तक किसानों को कृषि योग्य भूमि का एक करोड़ 28 लाख एकड़ के हिसाब से एवं आवासीय भूमि का 19 लाख रुपए डिसमिल के हिसाब से मुआवजा नहीं मिलेगा तब तक एक्सप्रेस-वे निर्माण किसी भी हाल में नहीं होने दिया जाएगा, चाहे इसके लिए किसानों को अपनी जान ही क्यों ना देनी पड़े इन्हीं सब बातों को लेकर एक्सप्रेस-वे के निर्माण के लिए बनाए जा रहे हैं कैंप के कार्य को रुकवा दिया गया है और सभी किसान अनिश्चितकालीन हड़ताल पर बैठे हैं।
वही कार्य रूकने के बाद पदाधिकारी के रूप में मौजूद चैनपुर सीओ पुरेंद्र कुमार सिंह, एसआई शंभू सिंह द्वारा न्यूज़ कवर करने पहुंचे पत्रकारों पर ही यह आरोप लगाया जाने लगा कि पत्रकारों के द्वारा ही किसानों को भड़काया गया है, जिस कारण से किसान चल रहे कैंप निर्माण के कार्य को रुकवाएं है एवं हंगामा किया गया।
पत्रकारों के ऊपर भी प्राथमिक की दर्ज करवाई जाएगी, इन सब बातों को लेकर किसान और भी भड़क गए भारतीय किसान यूनियन के संयोजक अभिमन्यु सिंह के द्वारा बताया गया, प्रशासन के द्वारा किसानों की आवाज को दबाने का प्रयास किया जा रहा है इसीलिए पत्रकारों को डराया धमकाया जा रहा है ताकि किसानों की खबरों को पत्रकार कवर ना कर सकें और उनकी खबरों को दबाया जा सके।
वहीं मौके पर मौजूद मजिस्ट्रेट के रूप में तैनात चैनपुर सीओ पुरेंद्र कुमार सिंह सहित राष्ट्रीय राजमार्ग निर्माण से संबंधित मौजूद अन्य पदाधिकारी से जब उनका पक्ष जानने के लिए पूछताछ की गई तो उन लोगों के द्वारा कुछ भी बताने से साफ इंकार कर दिया गया, वही कार्य रोकने के बाद भारी संख्या में किसान कार्यस्थल पर ही धरने पर बैठकर और काम जब तक बंद नहीं होगा तब तक अनिश्चितकालीन हड़ताल पर बैठने की बात कही गई है।