Thank you for reading this post, don't forget to subscribe!
आगे कहा की हिंदू समाज के श्रद्धालु मंदिरों के रखरखाव, पूजा-अर्चना एवं प्रबंधन के लिए स्वयं समर्थ हैं। जबकि सरकारी हस्तक्षेप से मंदिरों की मूल धार्मिक परंपराओं एवं व्यवस्थाओं में बाधा उत्पन्न होती है। सरकारी नियंत्रण के कारण मंदिरों की आय एवं दान सरकार के अधीन हो जाते हैं, जबकि अन्य धर्मस्थलों को इस प्रकार की किसी बाध्यता की सामना नहीं करना पड़ता है। जो की हिंदू धार्मिक संस्थानों के आर्थिक अधिकारों का हनन है।
उन्होंने कहा की मंदिर न केवल धार्मिक स्थान हैं, बल्कि भारतीय संस्कृति एवं परंपराओं के प्रतीक भी हैं। इन्हें उनकी मूल धार्मिक व्यवस्था के अनुरूप स्वतंत्र रूप से संचालित होने देना चाहिए। विश्व हिन्दू परिषद राज्यपाल से मांग करती है कि हिन्दू मंदिरों को सरकार के नियंत्रण से मुक्त कराने की दिशा में आवश्यक पहल किए जाए, ताकि मन्दिरो को उनके सांस्कृतिक व पारंपरिक रूप के उन्हें न्याय मिल सके। शिष्टमंडल में विश्व हिन्दू परिषद के केंद्रीय सलाहकार समिति सदस्य आर एन सिंह, विहिप के केंद्रीय मंत्री अम्बरीष,क्षेत्र संगठन मंत्री आनंद ,क्षेत्र मंत्री वीरेंद्र विमल ,प्रान्त मंत्री सन्तोष सिसौदिया के अतिरिक्त अन्य प्रतिनिधि सम्मिलित थे।