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लेकिन किसी के द्वारा युवक की मदद नहीं की गई। वहीं लोगों के द्वारा उनका वीडियो बनाकर वायरल कर दिया गया। वीडियो देखकर वहां से प्रशासनिक अधिकारी मौके पर पहुंचे और इलाज के लिए सरकारी अस्पताल में भर्ती कराया जहां उसकी मौत हो गई। युवक की मौत के 9 दिन के बाद शव उसके पैतृक गांव पहुंचाया गया। जहां उसके परिजन शव से लिपटकर बिलख बिलख कर रोने लगे।
घटना के संबंध में जानकारी देते हुए स्थानीय मुखिया विनय कुमार ने बताया कि उनके पंचायत के कवलपुर के रहने वाले मोहन महतो और सुरेंद्र महतो 4 फरवरी को मजदूरी करने के लिए तमिलनाडु ट्रेन से जा रहे थे। इसी बीच विल्लुपुरम रेलवे स्टेशन के पास ट्रेन में उसकी झड़प हो गई। जिसके बाद चलती ट्रेन से किसी ने मोहन महतो को बाहर फेंक दिया। जिससे उसकी मौत हो गई। वहीं उन्होंने बताया कि हम पीड़ित परिवार को सरकार से मुआवजा दिलाने का प्रयास करेंगे।