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उसी क्लिनिक में महिला प्रसव के लिए गई थी। जंहा प्रसव कराने के बाद दोनों ने अतिरिक्त पैसे की मांग की और नवजात को जबरन छीनकर किसी व्यक्ति को बेच दिया। बता दे की महिला आर्केस्ट्रा में काम करती है, जो काम के सिलसिले में अपनी सहेली के साथ सारण आई थी। वही मामला दर्ज होते ही वरीय पुलिस अधीक्षक डा. कुमार आशीष के द्वारा एक विशेष टीम का गठन किया गया। जिसके बाद टीम ने गुप्त सूचना के आधार पर 27 सितंबर को गिरोह के सरगना हरिकिशोर प्रसाद को गिरफ्तार कर लिया। पूछताछ में उसने स्वीकार किया कि उसके भाई उपेंद्र सिंह ने अपने सहयोगी सोनू गिरी (रसुलपुर, दरौंदा, सिवान) की मदद से शिशु को पांच लाख रुपये में किसी व्यक्ति को बेच दिया है। जिसके बाद राष्ट्रीय मानवाधिकार आयोग के सदस्य श प्रियंक कानूनगो के पत्र के आलोक में, सारण पुलिस ने मिशन मुक्ति फाउंडेशन, रेस्क्यू फाउंडेशन दिल्ली और गुजरात राज्य की बडोदरा पुलिस की मदद से संयुक्त छापेमारी की। इस दौरान पुलिस ने सोनू गिरि को बडोदरा से गिरफ्तार किया और ट्रांजिट रिमांड पर सारण लाया गया।
इसके बाद सोनू गिरि की निशानदेही पर पुलिस ने सिवान जिले के मुफस्सिल थाना क्षेत्र के नीरज पासवान के घर से नवजात शिशु को सकुशल बरामद कर लिया। पुलिस का कहना है कि नीरज पासवान ने शिशु को पांच लाख रुपये में खरीदा था। एसएसपी ने बताया कि पूरे गिरोह की भूमिका की जांच की जा रही है। फर्जी नर्सिंग होम के संचालन में शामिल अन्य लोगों की गिरफ्तारी के लिए छापेमारी चल रही है। साथ ही सारण पुलिस ने आम लोगों से अपील करते हुए कहा की मानव तस्करी,अवैध क्लिनिक या बाल बिक्री जैसी किसी भी सूचना को की जानकारी तुरंत हेल्पलाइन नंबर- 9031600191 पर साझा करें।