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प्रतियोगिता का शुभारंभ बिहार सरकार के अल्पसंख्यक एवं कल्याण मंत्री जमा खां और एमएलसी संतोष कुमार सिंह ने दीप प्रज्वलित कर किया जिसके बाद मैदान पर घुड़सवारी प्रतियोगिता का फीता काटकर रेस का आयोजन कराया गया, 4 राउंड की इस प्रतियोगिता में चयनित प्रथम एवं द्वितीय स्थान वाले घोड़ों को अंतिम राउंड में प्रवेश की अनुमति मिली।
इससे पहले बलिया, चंदोली, बनारस और मऊ के घोड़े सेमीफाइनल में ही बाहर हो गए, फाइनल प्रतियोगिता में बनारस के नौशाद अली के घोड़े ने जगह बनाई लेकिन इस खिताबी मुकाबले में ज्यादा कुछ करिश्मा नहीं दिखा सका उन्हें चौथे नंबर से ही संतोष करना पड़ा और इस प्रतियोगिता में शानदार प्रदर्शन करते हुए बिहार केसरी के नाम से विख्यात चौसा के मधु यादव के घोड़े ने सबको पछाड़ते हुए ट्रॉफी अपने नाम की।
प्रथम विजेता को फ्रिज व नकदी दिया गया, दूसरे स्थान पर रहे बाढ़ मोकामा के विवेक पहलवान का घोड़ा और तीसरे नंबर पर बक्सर सांथ के अजीत सिंह के घोड़े को पंखा व नगदी पुरस्कार दिया गया, सभी विजेता व उपविजेता घोड़ों को अल्पसंख्यक कल्याण मंत्री जमा खां व एमएलसी संतोष कुमार सिंह द्वारा संयुक्त रूप से पुरस्कार दिया गया, साथ ही प्रतियोगिता में शामिल सभी घोड़ों व उनके सवारों को भी मंच से सम्मानित किया गया।
इस प्रतियोगिता के आयोजनकर्ता बंदीपुर के संत कुमार सिंह रहे जिनके कुशल निर्देशन में यह ऐतिहासिक घुड़दौड़ प्रतियोगिता संपन्न हुई, प्रतियोगिता के संयोजक परशुराम तिवारी रहे जिनके द्वारा सभी मंचासीन अतिथियों को अंग वस्त्र देकर सम्मानित किया गया वहीं कार्यक्रम का संचालन भूपेंद्र सिंह के द्वारा किया गया।