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दरअसल पटना के सदाकत आश्रम में स्वतंत्रता दिवस पर झंडोत्तोलन का आयोजन किया गया था जहां झंडा फहराने के बाद तुरंत कार्यकर्ताओं ने हंगामा शुरू कर दिया उन्होंने वरिष्ठ नेताओं पर आरोप लगाया कि आप लोगों की वजह से ही पार्टी की दुर्गति हो गई है उस समय सदाकत आश्रम में कांग्रेस के प्रभारी भक्त चरण दास, प्रदेश अध्यक्ष मदन मोहन झा जैसे नेता मौजूद थे।
कार्यकर्ताओं का कहना था कि महागठबंधन के सरकार में कांग्रेस के विधायकों की संख्या के आधार पर पांच मंत्री पद मिलने चाहिए थे लेकिन नहीं मिल रहा आखिर क्यों अभी तक दो नेता ही मंत्री पद की शपथ लेने वाले हैं कार्यकर्ताओं ने कहा कि इसके लिए बिहार कांग्रेस के बड़े नेता जिम्मेदार है उन्होंने घुटने टेक दिए हैं, कार्यकर्ताओं ने तर्क दिया है कि जीतन राम मांझी की पार्टी को चार विधायक पर कैसे एक मंत्री पद मिल रहा है इस हिसाब से कांग्रेस को पांच मंत्री पद मिलना चाहिए कांग्रेस के पास 19 विधायक हैं सत्ताभोगियों के बहकावे में कांग्रेस आ गई है प्रदेश के नेताओं ने कांग्रेस कार्यकर्ताओं की मर्यादा गिरवी क्यों रख दी 5 सीट नहीं मिल रही तो बाहर से समर्थन करते।
दरअसल कांग्रेस 2020 के विधानसभा चुनाव के बाद से ही महागठबंधन के अंदर उपेक्षित रही, राजद का मानना रहा है कि कांग्रेस जिद कर के विधानसभा चुनाव में इतनी सीटें नहीं लेती तो तेजस्वी यादव की सरकार बन जाती लेकिन कांग्रेस से ज्यादा सीटें लेकर खराब परफॉर्मेंस से सरकार नहीं बन पाई दूसरी तरफ कांग्रेस का कहना है कि उन्हें कमजोर सीटे दी गई, विधानसभा चुनाव के बाद हुए सभी उपचुनाव और एमएलसी चुनाव में राजद ने कांग्रेस को अलग-थलग रखा इस बीच कांग्रेस राजनीतिक रूप से काफी जलील हुआ, कार्यकर्ताओं का कहना है कि 5 मंत्री पद नहीं देकर एक बार फिर कांग्रेस को जलील किया जा रहा है।