Thank you for reading this post, don't forget to subscribe!
आगे उन्होंने कहा कि कभी बिहार से लालू यादव के जंगलराज के खात्मे का प्रण करने वाले नीतीश कुमार आज उन्हीं की पार्टी के साथ खड़े हैं, परिवारवादी और अवसरवादी पार्टियों का मेल किसी राज्य के विकास की राह में सबसे बड़ा रोड़ा होता है और आज बिहार उसी दौर में है, आज महागठबंधन सरकार की अंसवेदन शीलता के कारण बिहार में जंगलराज 2.0 अपने चरम पर है, सुबह का हर अखबार हत्या, लूट, डकैती, अपहरण की खबरों से भरा मिलता है रोजगार मांग रहे युवाओं पर और बिजली मांग रही आम जनता पर पुलिसिया लाठी का जोर दिखाया जा रहा है।
वही तेजस्वी यादव पर निशाना साधते हुए कहा कि वे पहले हस्ताक्षर से 10 लाख सरकारी नौकरी वाले कलम की स्याही सूख गई है, बालू और शराब माफिया अपने पूरे रंग में हैं, शराबबंदी वाले बिहार के छपरा और मोतिहारी में जहरीली शराब से सैकड़ों मौतों का तांडव पूरे देश ने देखा, पीएफआई जैसी राष्ट्र विरोधी और सांप्रदायिक ताकतों के हौसले बुलंद हैं वही राजद के मंत्री और नेता लगातार राम चरित मानस और सनातन संस्कृति का अपमान कर रहे हैं।
हमेशा कुर्सी पर बैठे रहने की महत्वकांक्षा की चरम सीमा पार कर चुके नीतीश कुमार बिहार की 12 करोड़ जनता का भविष्य दांव पर लगा कर राजनीतिक यात्राओं में व्यस्त हैं, सीएम नीतीश कुमार आप स्वयं विचार करें कि विगत एक वर्षों में आपने बिहार का क्या हाल किया है शिक्षा, रोजगार, स्वास्थ्य एवं कानून व्यवस्था के हर मोर्चे पर आपकी सरकार फेल साबित हुई है, पल्टासन ओलंपिक का कोई खेल होता, तो बिहार के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार स्वर्ण पदक पाते।