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महागठबंधन का मुख्यमंत्री बनने के 15 दिन बाद विधानसभा पहुंचे नीतीश कुमार ने जमकर बीजेपी को सुनाया और पीएम मोदी का बिना नाम लिए उन्हें निशाने पर लिया मुख्यमंत्री ने कहा कि आज की सरकार का कुछ नहीं है हम 2013 में क्यों अलग हुए थे यह भी जान लीजिए अटल जी आडवाणी जी मुरली मनोहर जोशी जी सभी आपकी पार्टी के नेता थे यह सभी मेरी बात सुनते थे और मानते थे 2013 में अटल जी की तबीयत ठीक नहीं थी तब बाकी के जो नेता थे उनकी बात होनी चाहिए थी।
जेडीयू की मानें तो बीजेपी के सेकंड लाइनर नेताओं के साथ ऊंचाइयों की लगातार संवादहीनता बढ़ती जा रही थी ना ही कोई इस कद के थे किसी दिन नीतीश कुमार से आकर बात कर सके और ना ही किसी को इतनी समझ थी इतना ही नहीं बीजेपी के इन नेताओं के बयानों से भी वे कई बार असहज हो जाते थे।
दरसअल नीतीश कुमार बिहार के एक ऐसे राजनेता है जो अपने पसंद के लोगों के साथ काम करना पसंद करते हैं चाहे वह अधिकारी हो या नेता जल्दी में उनमें बदलाव नहीं करते, बीजेपी की तरफ से जो बदलाव किया गया उनमें इतना हिम्मत नहीं था कि वो नीतीश कुमार की आंखों में आंख डाल कर बात कर सके यही कारण के कई मौकों पर 2020 के बाद केंद्रीय नेतृत्व को दखल देना पड़ता था।