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मंदिर के 85 वें स्थापना दिवस के अवसर पर सांस्कृतिक कार्यक्रम का भी आयोजन हुआ जिसमें गायकों द्वारा भक्ति गीतों से लोगों को भक्ति के रस में सराबोर किया गया, मुख्य अतिथि के रूप में मौजूद दीनानाथ विश्वकर्मा ने बताया यह मंदिर 1789 गांवों के बीच इकलौता मंदिर है जिससे इन सभी गांवों के लोग जुड़े हुए हैं, लोगों के बीच काफी आस्था है।
मौके पर मौजूद वक्ताओं ने कहा कि आजादी के 75 वर्षों के बाद भी लोहार समाज के लोग काफी पिछड़े हुए हैं, लोहार समाज का उपयोग सिर्फ चुनाव के दौरान सभी राजनीतिक दल करते हैं वहीं जब राजनीतिक हिस्सेदारी की बात आती है तो सभी दल कन्नी काट जाते हैं, मगर अब समय बदल गया है, लोहार समाज के लोग भी अब अपनी ताकत को पहचान चुके हैं, जो उनके समाज के विकास की बात करेगा लोहार समाज उसकी के साथ खड़ा रहेगा, सहित कई बातें कही गई।