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मदुरना पंचायत सरकार भवन में नहीं पहुंचते एक भी कर्मी ग्रामीणों में आक्रोश

Bihar: कैमूर, राज्य सरकार के द्वारा पंचायत स्तर पर ग्रामीणों को सरकार द्वारा संचालित योजनाओं का लाभ पहुंचाने के लिए कई कार्य किए जा रहे हैं मगर विभाग के कर्मियों की लापरवाही, और खानापूर्ति के कारण ग्रामीणों को समुचित लाभ नहीं मिल पा रहा है, चैनपुर प्रखंड क्षेत्र के कई ऐसे पंचायत हैं जहां पंचायत सरकार भवन करोड़ों रुपए की लागत से तैयार किया गया है, जहां कई कर्मियों को विभिन्न कार्य के लिए प्रतिनियुक्ति भी हैं, मगर वहां प्रतिनियुक्ति सिर्फ दिखावे के लिए है, उपस्थिति रजिस्टर पर उपस्थिति बनाकर पंचायत भवन को संचालित दिखाया जाता है, पंचायत स्तर पर होने वाले कार्यों के लिए पंचायत भवन में उपस्थित नहीं रहते हैं।

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ऐसा ही कुछ मामला ग्राम पंचायत मदुरना में स्थित पंचायत सरकार भवन का है, पंचायत भवन के बाहर लगाई गई तालिका में दिखाया गया है कि 7 कर्मियों की प्रतिदिन वहां ड्यूटी है, जिसमें तकनीकी सहायक सरोज पासवान, लेखा सह आई टी सहायक अंजली कुमारी, कार्यपालक सहायक ज्योति कुमारी, पंचायत रोजगार सेवक रवि शंकर गुप्ता, ग्रामीण आवास सहायक अजीत कुमार, विकास मित्र संतोष कुमार जो कि प्रभार में है, किसान सलाहकार सत्येंद्र सिंह, इन सभी कर्मियों की ड्यूटी सोमवार से शनिवार तक प्रतिदिन है जबकि अंशकालीन रूप से हल्का कर्मचारी वकील राय, ग्राम कचहरी सचिव कंचन कुमारी की पदस्थापना है।

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जबकि पंचायत सचिव धर्म कुमार नियमित रूप से वहां पर स्थापित है, मगर पंचायत सरकार भवन में पहुंचते कोई भी कमी नहीं है, ग्रामीणों का आरोप है कि जबसे मदुरना में पंचायत सरकार भवन का निर्माण हुआ है तब से ग्रामीणों को कभी कोई भी लाभ नहीं मिला है, लगभग 2 वर्ष पहले कुछ कर्मी गिने-चुने दिन आकर बैठते थे और ग्रामीणों का कार्य करते थे, वर्तमान में लंबे अरसे से एक भी कर्मी नहीं पहुंचे हैं, किसी भी पदाधिकारी के द्वारा जांच पड़ताल तक नहीं किया जाता है।

मौके पर मौजूद ग्रामीण शशिभूषण, एकादशी राम, संदीप कुमार, प्रकाश कुमार, संतोष कुमार, ऋतुराज पटेल आदि लोगों के द्वारा बताया गया, ग्राम पंचायत मदुरना के लोगों को कभी भी पंचायत सरकार भवन से लाभ नहीं मिला है एक भी कर्मी पंचायत सरकार भवन में नहीं आते है, लगातार ताला बंद रहता है, मजबूरन लोगों को चैनपुर प्रखंड कार्यालय पहुंचकर कार्य करवाना पड़ता है, वहीं कुछ लोग का कहना था कि लोगों के द्वारा कई बार प्रखंड स्तरीय पदाधिकारियों से इसकी शिकायत की गई, मगर कोई लाभ नहीं मिला, पदाधिकारी कभी आकर जांच भी नहीं करते कि कौन से कर्मी यहां उपस्थित हैं और कौन से अनुपस्थित।

वहीं जब दूरभाष से जानकारी प्रखंड पंचायती राज पदाधिकारी शुशेंद्र कुमार सिंह पाल से लिए तो उनके द्वारा ग्रामीणों के बातों को नकारते हुए स्पष्ट रूप से कहा गया कि वहां दो लोगों की सिर्फ प्रतिनियुक्ति है और दोनों लोग नियमित रूप से पंचायत सरकार भवन में बैठकर स्थानीय ग्रामीणों का कार्य करते हैं, जबकि धरातल पर कुछ और ही है, ग्रामीणों का आरोप है कि कर्मी कभी पहुंचते ही नहीं है, प्रखंड स्तरीय पंचायती राज पदाधिकारी ने यहां तक कहा गया कि प्रतिदिन जो कर्मी वहां प्रतिनियुक्त है उनका रजिस्टर में अटेंडेंस बना हुआ है।

अब सवाल ये उठता है कि ग्रामीणों के द्वारा बताया जा रहा है कि वहां एक भी कर्मी नहीं पहुंचते हैं जबकि कार्यालय में बैठे पंचायत स्तरीय पदाधिकारी का कहना है कि रजिस्टर में अटेंडेंस बना हुआ है, अन्य और पूछताछ किया गया तो पंचायती राज पदाधिकारी ने कहा कि वह पता लगाएंगे कि क्या मामला है, ग्रामीणों के द्वारा कभी इस तरह की शिकायत इनसे नहीं किया गया है।

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