Thursday, April 17, 2025
Homeपश्चिमी चम्पारणमछली पकड़ने के दौरान जाल में फंसी कैटफिश देखने के लिए लगा...

मछली पकड़ने के दौरान जाल में फंसी कैटफिश देखने के लिए लगा तांता

Bihar: पश्चिमी चंपारण के बगहा में बुधवार की सुबह बनचहरी गांव के पास हरहा नदी में एक कैटफिश मिली है दरअसल मछली पकड़ने के दौरान यह मछुआरों के जाल में फंस गई जिसके बाद इसे देखने के लिए लोगों का तांता लग गया, हैरानी वाली बात है यह है कि यह मछली दक्षिण अमेरिका के अमेज़न नदी में पाई जाती है हालांकि बीते 2 सालों में इसे वाराणसी में गंगा नदी में भी देखा गया है।

Thank you for reading this post, don't forget to subscribe!

सकरमाउथ कैटफिश मछली

इस मछली का यहां मिलना नदी के इकोसिस्टम के लिए भी चिंताजनक है, बगहा के वाल्मीकि टाइगर रिजर्व के पास वाइल्ड लाइफ ट्रस्ट ऑफ इंडिया और वर्ल्ड वाइल्डलाइफ फंड के नाम की संस्था एक काम कर रही हैं इनके साथ काम कर रहे लोग भी इस मछली को देखकर हैरान है, चंपारण की नदियों के लिए खतरनाक है क्योंकि मछली मांसाहारी है, इससे नदियों के इकोसिस्टम का विनाश होगा यह आसपास के जीव-जंतुओं को खाकर जिंदा रहती है इस वजह से यह किसी महत्वपूर्ण मछली या जीव को पनपने नहीं देती है।

दरअसल इसकी अलग पहचान की वजह से कई लोग इसे एक्वेरियम में पालते हैं हालांकि एक्वेरियम में यह काफी छोटी होती है जबकि नदी में इसका आकार बढ़ गया है हो सकता है किसी ने एक्वेरियम से इस नदी में छोड़ा है और उसका आकार धीरे-धीरे बढ़ गया हो।

हालांकि बिहार में कैटफिश मिलने का यह कोई पहला मामला नहीं है इससे पहले भी गंगा नदी में कैटफिश मिल चुकी है भागलपुर से कहलगांव में मछली मार रहे हैं मछुआरों को जाल में मछली फंसी थी जिसके बाद जांच में पता चला था कि कैटफिश भी कई तरह के होते हैं कहलगांव में मिली कैटफिश दरअसल एक्वेरियम की फीस है इसे आकर्षण के लिए लोग अपने घरों में एक्वेरियम में रखते हैं वह मांसाहारी नहीं है एक्वेरियम शीशे पर जमने वाले काई और पानी में उत्पन्न जलीय जीवो को खाकर रहती है, इसके बाद करीब 1 साल पूर्व मुजफ्फरपुर में भी कैटफिश मिली थी‌।

RELATED ARTICLES

LEAVE A REPLY

Please enter your comment!
Please enter your name here

- Advertisment -

Most Popular

Recent Comments