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पारंपरिक करमा-धरमा महोत्सव का फीता काटकर उद्घाटन करने के बाद मंत्री ने केंद्र पर जमकर हमला बोला कहा कि मणिपुर में आदिवासी महिलाओं के साथ बर्बरता और फिर भड़की हिंसा से बड़ा प्रमाण क्या हो सकता, जिसकी ठीक ढंग से न तो जांच कराई गई और ना ही दोषियों के खिलाफ कड़ा एक्शन हुआ उन्होंने आदिवासियों को एकजुट रहकर अपने हक के लिए आवाज बुलंद करने की अपील की, साथ ही मुख्यमंत्री नीतीश कुमार को आदिवासियों का हितैषी बताया।
जब भाजपा ने जब नए संसद का उद्घाटन की तो आदिवासी समाज से राष्ट्पति द्रोपदी मुर्मू की अनदेखी करते हुए साधू संतों से संसद का उद्घाटन कराया, ऐसे में हम कैसे मान लें की मोदी सरकार आदिवासी समुदाय के साथ है, जिस तरह थारुओं के उत्थान के लिए बिहार सरकार ने थरूहट विकास अभिकरण की स्थापना की अब इसी तर्ज पर प्रावधानों को देखते हुए आदिवासी विकास अभिकरण की स्थापना की तैयारी की जा रही है जिसके मूर्त रूप लेते ही आदिवासी भाइयों की रही-सही शिकायत भी दूर हो जाएगी।