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मैंने इतने कम दिनों के कार्यकाल में जो कार्य करने का प्रयास किया है उसके आधा भी यदि सरकार दे दे तो किसानों के लिए काफी लाभ होगा, किसानों के लिए मंडी के व्यवस्था कराने का पूरा प्रयास करूंगा इसके लिए चाहे जो भी संघर्ष करना होगा उसके लिए मैं तैयार हूं मेरे इस्तीफे से किसानों को घबराने की जरूरत नहीं है मैं किसानों की समस्या का समाधान को लेकर सड़क से सदन तक संघर्ष करूंगा और विधानसभा में भी किसानों की आवाज उठाता रहूंगा।
साथ ही उन्होंने अधौरा में आदिवासी परिवार और वनवासी अधौरा फार्मर प्रोड्यूसर द्वारा आयोजित कार्यक्रम के विकास को लेकर भी समीक्षा की, अधौरा का विकास हो वहां के लोगों की आमदनी बढ़े, वहां बाजार स्थापित हो इसको लेकर संकल्पित है, अफसोस होता है कि जल, जंगल और जमीन पर पहला हक रहने वाले लोगों के साथ आजादी के 75 साल बाद भी देश में दरकिनार किया जा रहा है हम इस लड़ाई को अंतिम दम तक लड़ेंगे।