नई दिल्ली, DESK: हाल ही में सोशल मीडिया पर वायरल हुआ दावा कि मंगल ग्रह पर वैज्ञानिकों को डायनासोर के अंडे मिले हैं, पूरी तरह झूठा साबित हुआ। NASA और ISRO दोनों ने साफ किया है कि अब तक मंगल पर ऐसा कोई सबूत नहीं मिला है।
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अफवाह कैसे फैली?
सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म्स पर कुछ तस्वीरें शेयर की गईं जिनमें गोलाकार चट्टानों जैसी आकृतियों को “डायनासोर के अंडे” बताया गया। इन तस्वीरों को तेजी से वायरल कर दिया गया, लेकिन विशेषज्ञों ने इन्हें भ्रामक और गलत व्याख्या करार दिया।
वैज्ञानिकों का बयान
NASA का कहना है कि मंगल पर मिली गोलाकार संरचनाएं प्राकृतिक चट्टानों या खनिज जमाव का नतीजा हैं।
अब तक वहां सिर्फ पानी के निशान, बर्फ, कार्बन और प्राचीन जीवन के सूक्ष्म संकेतों की खोज हुई है।
डायनासोर जैसे बड़े जीवाश्म या अंडों का कोई सबूत नहीं है।
मंगल पर अब तक क्या खोजा गया है?
प्राचीन झीलों और नदियों के सबूत
सतह के नीचे बर्फ की परतें
मीथेन और कार्बनिक यौगिक
सूक्ष्मजीवी जीवन के संभावित संकेत
विशेषज्ञों की राय
भूवैज्ञानिकों के अनुसार वायरल तस्वीरों में दिखने वाली आकृतियां “कंक्रीशन” (Concretions) जैसी हैं, जो धरती पर भी बनती हैं। इन्हें डायनासोर के अंडे मानना पूरी तरह गलत और भ्रामक है।
निष्कर्ष
मंगल ग्रह पर डायनासोर के अंडे मिलने की खबर सिर्फ सोशल मीडिया अफवाह है। वैज्ञानिकों का ध्यान अभी मंगल पर सूक्ष्म जीवन की संभावनाओं की खोज पर केंद्रित है, न कि बड़े जीवों पर।