Thank you for reading this post, don't forget to subscribe!

जानकारी के अनुसार बुधवार की दोपहर दिनकर अपने दोनों बच्चों और भाई प्रिंस के साथ लक्ष्मीपुर बहियार स्थित खेत में गोबर छीटने गए थे दोनों बच्चे पास के ही गाछी कि नीचे बैठ गए और गोबर छीटने लगे इसी बीच नवनीत ने एक पेड़ पर लगे भरे के छत्ते में ढेला मार दिया जिसके बाद भड़के भौरों के समूह ने उन दोनों बच्चों पर हमला कर दिया बच्चों के शोर की आवाज सुनकर पिता और चाचा पहुंचे तभी भौंरो ने उन पर भी हमला कर दिया।
भागे-भागे चारों खोदावंदपुर सीएचसी पहुंचे जहां प्राथमिक उपचार किया गया और गंभीर रूप से सूजे दोनों बालकों को भी बेगूसराय रेफर कर दिया गया लेकिन परिजन बच्चे को सदर अस्पताल ना ले जाकर सीधे निजी क्लीनिक ले गए जहां चिकित्सकों ने नमन को मृत घोषित कर दिया जबकि नवनीत का इलाज वहीं चल रहा है।
निजी चिकित्सक का कहना है कि ज्यादा संख्या में भौरों के दंश से शरीर सूज जाता है, शरीर का तापमान बढ़ जाता है, अचानक रक्त संचरण बढ़ जाता है, इससे हृदय की धड़कन भी अनियमित हो जाती है वहीं भौरों के समूह के हमले के दौरान बच्चे बुरी तरह घबरा गए होंगे, इससे भी उनकी हृदय गति पर बुरा असर पड़ा होगा, चार साल का बालक इसे बर्दाश्त नहीं कर सका और उसकी अस्पताल पहुंचने के पहले मौत हो गई।