Bihar: कैमूर जिले के चैनपुर थाना परिसर में शनिवार की सुबह 10 बजे से 2 बजे तक भूमि विवाद निराकरण शिविर का आयोजन किया गया, शनिवार आयोजित भूमि विवाद निराकरण शिविर में कुल 4 मामलों की सुनवाई हुई, जबकि पूर्व के एक मामले का निष्पादन किया गया है।
Thank you for reading this post, don't forget to subscribe!

इससे संबंधित जानकारी देते हुए चैनपुर सीओ पुरेंद्र कुमार सिंह के द्वारा बताया गया कि शनिवार चार रैयती भूमि से संबंधित मामले की सुनवाई हुई जिसमें ग्राम फुलवरिया के निवासी हफीउल्लाह शाह पिता अताउल्लाह शाह दूसरा मामला गिरजा चौहान पिता स्वर्गीय बैजू चौहान ग्राम हाटा तीसरा हमला राजवंश साह पिता स्वर्गीय राजकुमार साह ग्राम अमांव एवं चौथा मामला एनूल अंसारी पिता तैयब अंसारी ग्राम चैनपुर का था, उक्त चारों मामले में दिए गए आवेदन के अवलोकन के उपरांत अगले कार्य दिवस पर सभी वादी एवं प्रतिवादी को भूमि से संबंधित कागजात लेकर उपस्थित होने के लिए नोटिस किया गया है।
- पुलिस ने लूट कांड का किया खुलासा, 2 गिरफ्तार
- पति के साथ स्टेशन जा रही महिला पुलिसकर्मी को अपराधियों ने मारा गोली, रेफर
- पागलों की तरह पत्नी को ढूंढता रहा पति घर की छत पर बोरे में ठूंसकर भरा हुआ मिला शव
- कैमूर में भीषण हादसा: होटल में घुसे दो ट्रक और मैजिक, कुक की मौत, एक व्यक्ति घायल
वही पांचवां मामला ग्राम चैनपुर नूरशबा खातून पति नसीम खान एवं आस मोहम्मद खान पिता स्वर्गीय नबी मोहम्मद खान का एवं प्रतिवादी सिंहासन राम एवं सजीवन राम व मनोज राम पिता फौजदार राम ग्राम चैनपुर के बीच रैयती भूमि से संबंधित मामला था रैयती भूमि पर जबरन कब्जा करने की बात वादी के द्वारा बताई गई थी।
- 8 वर्षीय बच्ची के साथ दुष्कर्म के बाद हत्या करने वाले दो आरोपितों को मृत्युदंड
- निलंबित अंचलाधिकारी प्रिंस राज के घर विजिलेंस टीम ने मारा छापा, मचा हड़कंप
दोनों पक्षों के द्वारा दिखाए गए कागजातों के अवलोकन के उपरांत रैयती भूमि पर से कब्जा हटाने के निर्देश दिए गए हैं, इसके साथ ही दोनों पक्ष एक दूसरे से किसी भी हाल में विवाद नहीं करेंगे, आदि निर्देशित किया गया है। इस मौके पर चैनपुर पुलिस पदाधिकारी सहित सीआई संजय कुमार, राजस्व कर्मचारी रवि सिंह, शंकरशरण उपाध्याय, इमरान अली सहित अन्य उपस्थित रहे।
- बिसरख: रावण की जन्मस्थली- दोहरी मान्यताओं का गवाह गाँव, रावण का पारिवारिक वंश: कुबेर से लेकर शूर्पणखा तक
- प्रकृति का है वरदान जटामांसी असाध्य रोग भी हो जाते हैं दूर इसीलिए इसे कहते हैं “तपस्विनी”