Bihar: कैमूर जिले के चैनपुर प्रखंड में किसान संघर्ष मोर्चा कैमूर की ओर से शनिवार को जगरिया में भूमि अधिग्रहण प्रभावित किसानों की बैठक आयोजित की गई। बैठक की अध्यक्षता मोर्चा के अध्यक्ष विमलेश पांडेय तथा संचालन महासचिव पशुपति नाथ सिंह ने किया।
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बैठक में किसानों ने कहा कि भूमि अधिग्रहण में मुआवजा देने में भारी गड़बड़ी की जा रही है। एनएचएआई और प्रशासन पर आरोप लगाया गया कि उन्होंने बिना मुआवजा दिए किसानों की जमीन पर जबरन कब्जा कर लिया और उनकी खड़ी धान की फसल रौंद दी। इस पर किसानों ने कड़ी नाराजगी व्यक्त की।
अध्यक्ष विमलेश पांडेय ने कहा कि किसानों के अधिकारों का हनन किसी भी कीमत पर बर्दाश्त नहीं किया जाएगा। महासचिव पशुपति नाथ सिंह ने चेतावनी दी कि किसानों पर लाठी चलाने और गाली देने वाले मोहनिया के एसडीएम पर कानूनी कार्रवाई की जाएगी। उन्होंने मांग की कि अधिग्रहित भूमि का मुआवजा एक माह के भीतर किसानों के खाते में भेजा जाए।
सचिव अनिल सिंह ने कहा कि अब तक कई किसानों को दुगुना मुआवजा नहीं मिला है। उन्होंने फसल की क्षति का उचित मुआवजा देने की भी मांग की। वहीं, भारतीय किसान यूनियन कैमूर के जिलाध्यक्ष ने कहा कि “एक जिला-एक परियोजना-एक भूमि-एक मुआवजा” की नीति लागू करने को लेकर सुप्रीम कोर्ट में जनहित याचिका दायर की जाएगी।
अभिमन्यु सिंह ने कहा कि फसल क्षति का मुआवजा दिलाने और एसडीएम के खिलाफ कार्रवाई सुनिश्चित करने के लिए हाईकोर्ट में मुकदमा दायर किया जाएगा।
बैठक में उपाध्यक्ष रविशंकर सिंह, टुनटुन सिंह, गज्जन सिंह, अनुपम पांडेय, अरविंद सिंह, चंद्रजीत यादव, ठाकुर प्रसाद गोंड़, अलख साह, सत्येंद्र कुमार समेत कई नेताओं और किसानों ने अपने विचार रखे।
किसानों ने सर्वसम्मति से प्रस्ताव पारित कर जिलाधिकारी से मांग की कि—
फसल क्षति और भूमि अधिग्रहण का मुआवजा एक माह में किसानों के खाते में भेजा जाए,
दोषी एसडीएम मोहनिया पर कार्रवाई हो,
किसानों के जमीन संबंधी कागजात दुरुस्त किए जाएं,
और किसानों के प्रतिनिधियों को भू-अर्जन विभाग की निगरानी में शामिल किया जाए।
सोमवार को किसान संघर्ष मोर्चा जिलाधिकारी को प्रस्ताव की प्रति सौंपेगा। बैठक में राजनीतिक दलों के नेताओं, विधायकों, सांसदों और मंत्रियों की निंदा करते हुए प्रस्ताव पारित किया गया।
इस मौके पर भभुआ, रामपुर, भगवानपुर, चांद और चैनपुर क्षेत्र के सैकड़ों किसान उपस्थित थे।