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जाति गणना की जो प्रक्रिया है, वो पारदर्शी नहीं प्रतीत होती है, देश में लगभग 142 करोड़ की जनसंख्या हो गई हम विश्व की सबसे बड़ी जनसंख्या वाला देश है, एक तरफ भारत दुनिया की पांचवीं सबसे बड़ी अर्थव्यवस्था हो गई है लेकिन तत्पश्चात भी अगर प्रति व्यक्ति आय के रूप से देखा जाए तो आज भी भारत का रैंकिंग विश्व में 120 वे से नीचे है, ऐसा इसलिए क्योंकि जनसंख्या और अर्थव्यवस्था के आकार को जब डिवाइड करते हैं तो प्रति व्यक्ति आय निकलती है।
उन्होंने कहा कि मोदी जी के साथ में बिहार के किलोमीटर से 9 वर्षों में दोगुनी हो गई है लेकिन इतनी प्रगति और प्रोग्रेस के बावजूद हमारी जनसंख्या जिस तरह से फैल रही कहीं ना कहीं प्रति व्यक्ति आय कम होगी, हमें विधानसभा में जाति जनगणना का समर्थन किया है हमारा मानना है कि अगर जातीय जनगणना से हर एक जात बिरादरी का गरीब वर्ग जो है, उसको सरकार की योजनाएं और कार्यक्रम प्राप्त होने से सहूलियत होती है तो यह स्वागत योग्य है पर सिर्फ इसके पीछे वोटों की राजनीति है तो बिहार के लिए दुर्भाग्य का विषय है।