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सीएम के द्वारा प्रगति यात्रा के साथ जो विकास की आंधी बही है इसको देखकर विपक्ष औंधे मुंह गिर गया है। इसलिए अनर्गल बयान देते हुए गाल बजाने शुरू कर दिए हैं। हमारे सीएम जी न्याय के साथ विकास करते हैं। इसलिए बिहार की जनता समझ चुकी है की किन के साथ हमें रहना है। अगर राजनीति के लायक हैं और राजनीति में आना चाहते हैं तो स्वागत है। वही सीएम नीतीश के बेटे निशांत कुमार के राजनीति में आने की चर्चा तेज हो गई है। जिस सम्बन्ध में पूछे जाने पर जवाब देते हुए भाजपा प्रदेश अध्यक्ष दिलीप जायसवाल ने स्पष्ट रूप से कहा कि अगर वह राजनीति के लायक हैं और राजनीति में आना चाहते हैं तो मैं भाजपा के प्रदेश अध्यक्ष के नाते उनका स्वागत करता हूं। परिवारवाद की राजनीति में जो परिभाषा है वह यह है कि चांदी का चम्मच मुंह में लेकर 18 साल हुआ नहीं और राजा बनने की तैयारी करने लगे।
मैंने कहा था कि नितीश एक अच्छे पिता हैं, जो आज 20 वर्षो से बिहार की बागडोर को संभाल रहे हैं। इससे पहले केंद्र में भी सीएम के पद पर रहे हैं। यानी हम लोग जब बचपन में थे तब वह सक्रिय राजनीति में ऊंचे पायदान पर थे। तो उस महान पिता ने अभी तक अपने बच्चों को राजनीति में नहीं लाया है। यह बड़ी बात है। आगे दिलीप जायसवाल ने कहा कि मैं बोलता हूं तो लोग कहते हैं की बहुत बोलता है। उन्होंने प्रतिपक्ष पर निशाना साधते हुए कहा कि विपक्ष के बच्चे जवान भी नहीं हुए कि पहले से ही कुर्सी बनाने लगे। इसलिए दोनों में फर्क समझना जरूरी है। इसलिए इतने लंबे राजनीति विचारधारा वाले पिता के बेटे को अब राजनीति में जरूर आना चाहिए।