Home बिहार भाजपा नेता सुशील मोदी ने जातीय जनगणना पर कहा यह इतना आसान...

भाजपा नेता सुशील मोदी ने जातीय जनगणना पर कहा यह इतना आसान नहीं है, जिन राज्यों में जातीय जनगणना कराई गई वह सफल नहीं हो पाए

पूर्व उपमुख्यमंत्री और राज्यसभा सांसद सुशील कुमार मोदी

Bihar: बिहार में जातीय जनगणना को लेकर राज्य सरकार ने इसकी घोषणा कर दी है बिहार भाजपा के नेता बिहार में होने वाली जातीय जनगणना का खुलकर विरोध नहीं कर रहे लेकिन लगे हाथों नीतीश कुमार को आइना दिखा रहे हैं दरअसल भाजपा नेता सुशील मोदी ने जातीय जनगणना का तो स्वागत है लेकिन यह भी कहा कि यह इतना आसान नहीं है अब तक जिन जिन राज्यों में जातिगत आधारित जनगणना जैसा कुछ कराया गया है वह सफल नहीं हो पाए हैं जाति आधारित जनगणना हो गई है तो हिम्मत नहीं हुई कि उसे सार्वजनिक करें।

Thank you for reading this post, don't forget to subscribe!

जातिगत जनगणना
जातिगत जनगणना

सुशील मोदी ने बिहार सरकार को नसीहत दी है कि जातीय जनगणना में लगने वाले अधिकारियों को ट्रेनिंग के लिए उन राज्यों में भेजा जाए जहां पहले ही हो चुका है जहां असफल हुआ है उसका भी अध्ययन हो, सुशील मोदी ने जातीय जनगणना कराने के लिए मुख्यमंत्री नीतीश कुमार को धन्यवाद देते हुए कहा कि बिहार सरकार को कर्नाटक और तेलगांना टीम को भेजकर अध्ययन करना चाहिए इन दोनों राज्यों में किस प्रकार जाति आधारित जनगणना कराई गई थी, साथ ही इस बात का भी अध्ययन करना चाहिए कि 2011 की सामाजिक, आर्थिक, जाति जनगणना में क्या त्रुटियां थी कि केंद्र सरकार जाति के आंकड़ों को सार्वजनिक नहीं करा पाई, कर्नाटक सरकार ने जातीय गणना तो कराई परंतु 7 वर्ष हो गए आज तक आंकड़ों को सार्वजनिक नहीं कर पाई।

कुछ जातियों की संख्या काफी कम पाई गयी और उनके विरोध के डर से कोई भी सरकार जातीय आंकड़े प्रकाशित नहीं कर सकी, बिहार के पूर्व उप मुख्यमंत्री ने कहा कि तेलंगाना ने 2014 में समग्र कुटुंब सर्वे के नाम से जातीय जनगणना कराई जिसमें एक ही दिन में पूरे सरकारी तंत्र में सर्वे का काम पूरा किया इस सर्वे में 75 सामाजिक आर्थिक मुद्दों पर सर्वेक्षण किया गया था केंद्र सरकार ने 5500 करोड़ रूपए लेकर 2011 में बिना तैयारी के जल्दबाजी में जनगणना 2011 करवाया जिसमें 46 लाख जातियां दर्ज हो गई और 1 करोड़ 18 लाख से ज्यादा त्रुटियां पाई गई उपरोक्त तीनों सर्वेक्षण का पूरा अध्ययन किया जाए ताकि वह गलतियां बिहार में न दोहराई जाए।

Exit mobile version