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युवाओं और शिक्षकों ने लुभावने वादे के कारण महागठबंधन के प्रत्याशी को वोट मिले थे, लेकिन आज तक एक भी वादा पूरा नहीं किया गया, आज समय है कि महागठबंधन के प्रत्याशी से उन वादों के विषय में पूछा जाए और वादाखिलाफी को लेकर भाजपा प्रत्याशी को वोट दिया जाए, भाजपा ने रमजान के महीने में मुस्लिम कर्मचारियों के कार्यालय आने और जाने में राहत देने के सरकार के आदेश को निंदनीय बताते हुए कहा कि ऐसे आदेश बिहार में कभी जारी नहीं होते थे।
यह सरकार पीएफआइ के जदयू के सरकारी अधिकारी और राजद पीएफआइ के कार्यकर्ता का गठजोड़ है ऐसे आदेश पीएफआइ के 2045 तक देश को इस्लामिक देश बनाने की योजना में मदद पहुंचाने का काम करता है, जो निंदनीय है रामनवमी भी आ रही है, इसके लिए भी पूजा करने के लिए हिंदुओं को कार्यालय आने जाने के लिए छुट्टी मिलनी चाहिए, सरकारी अधिकारी और कर्मचारी, कर्मचारी होते हैं, इसे धार्मिक तौर से नहीं बांटा जा सकता है, यह नीतीश और तेजस्वी के चलाए जा रहे एजेंडे का अंग है।
जिस तरह राज्य में अपहरण की घटनाएं घट रही हैं उससे साफ है कि बिहार 2005 के पहले वाले समय, जब अपहरण को उद्योग समझा जाता है उस दौर में जा रहा है जदयू द्वारा मुख्यमंत्री नीतीश कुमार को नोबल पुरस्कार दिए जाने की मांग को लेकर पूछे गए एक सवाल पर भाजपा सांसद ने तंज कसते हुए कहा कि जिस तरह नीतीश कुमार के पलटी मारने का इतिहास है उसके लिए कोई भी नोबल पुरस्कार मिल सकता है।