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इससे पहले प्रशांत किशोर ने कहा था कि वह 2 मई से पहले अपनी एक पहेली से पर्दा उठाने वाले हैं, प्रशांत किशोर की नई पार्टी कब तक लांच होगी इसका खुलासा नहीं हुआ है लेकिन प्रशांत किशोर जल्दी एक के साथ पूरे देश में पार्टी लांच करेंगे खास बात यह है कि अभी वह पटना में ही है ऐसे में माना जा रहा है कि वह अपने लिए यही नई रणनीति तैयार कर रहे हैं।
प्रशांत किशोर ने ट्वीट करते हुए लिखा कि ‘लोकतंत्र में प्रभावशाली योगदान देने की उनकी भूख और लोगों के प्रति कार्य नीति तैयार करने में मदद करने का सफर काफी उतार-चढ़ाव वाला रहा पलटते हैं तो लगता है कि समय आ गया है कि मालिकों के बीच जाए यानि लोगों के बीच ताकि उनकी समस्याओं को बेहतर तरीके से समझ सके और जन सुराज के पथ पर अग्रसर हो सके’।
कांग्रेस पार्टी में बात नहीं बनने के बाद प्रशांत किशोर राष्ट्रीय और क्षेत्रीय स्तर पर राजनीति में बड़ा धमाल करने की तैयारी में है, सूत्रों के अनुसार प्रशांत किशोर की पार्टी पूरी तरह से आधुनिक होगी, डिजिटल होगी और जनसंपर्क करने के लिए उन्नत तरीके के साथ लांच होगी, पार्टी के नाम क्या होगा इसको लेकर अब तक कोई फाइनल बात नहीं हुई है, सूत्र बताते हैं कि प्रशांत किशोर एक-दो साल में अपनी पॉलिटिकल पार्टी लॉन्च करेंगे।
बताते चलें कि प्रशांत किशोर का जन्म 1977 में बिहार के बक्सर जिले में हुआ था उनके पिता बिहार सरकार में डॉक्टर है जबकि उनकी मां उत्तर प्रदेश के बलिया जिले की है, उनकी पत्नी जाह्नवी दास असम के गुवाहाटी में डॉक्टर हैं, प्रशांत किशोर की करियर की बात करें तो वह 2014 में मोदी सरकार को सत्ता में लाने की वजह से चर्चा में आए थे उन्हें एक बेहतर चुनावी रणनीतिकार के तौर पर जाना जाता है।
हमेशा से पर्दे के पीछे रहकर अपनी चुनावी रणनीति को अंजाम देते हैं 34 वर्ष की उम्र में अफ्रीका से संयुक्त राष्ट्र की नौकरी छोड़कर 2011 में गुजरात के तत्कालीन सीएम नरेंद्र मोदी की टीम से जुड़े थे, जिसके बाद राजनीति में ब्रांडिंग का दौर शुरू हुआ था, प्रशांत किशोर को पीएम मोदी की उन्नत मार्केटिंग और चाय पे चर्चा, 3D रैली, रन फॉर यूनिटी, मंथन जैसे विज्ञापन अभियान का श्रेय दिया जाता है, वह इंडियन पॉलीटिकल एक्शन कमिटी (आई-पैक) नाम का संगठन चलाते हैं, लीडरशिप, सियासी रणनीति, मैसेज कैंपेन और भाषणों की ब्रांडिंग करते हैं।