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वीआईपी सुप्रीमो मुकेश सहनी ने अपने विधानपरिषद की सीट के रिनुअल होने के मुद्दे पर कहा कि इसकी परवाह उन्हें नहीं है हम तो संघर्ष करेंगे, मछुआरों को आरक्षण दिलाने की लड़ाई में तेजस्वी यादव का साथ लेने पर भी कोई गुरेज नहीं है उन्होंने कहा अगर छोटे भाई तेजस्वी साथ देंगे तो वह साथ लेने को तैयार है, वही नेता प्रतिपक्ष तेजस्वी यादव को अपना छोटा भाई बताने पर राजद के प्रवक्ता मृत्युंजय तिवारी ने कहा कि एनडीए के सहयोगियों का भाजपा से मोहभंग हो रहा है, यह इसी का संकेत है एनडीए ताश के पत्तों की तरह बिखर जाएगा, अभी तो ट्रेलर है असली पिक्चर बाकी है।
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एनडीए में शामिल रहने के बावजूद वीआईपी सुप्रीमो उत्तर प्रदेश चुनाव में अपनी पार्टी को लॉन्चिंग कर रहे हैं और उम्मीदवारों के लिए टिकट बांट रहे हैं, ऐसे वक्त में तेजस्वी यादव को छोटा भाई बोलने का बड़ा मतलब है, वीआईपी सुप्रीमो ने भाजपा के खिलाफ मोर्चा खोल दिया है और साथ में दूसरी तरफ तेजस्वी से तल्खी वाले रिश्ते को भूल रहे हैं।
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बिहार विधानसभा चुनाव 2020 में तेजस्वी यादव के प्रेस कॉन्फ्रेंस में मुकेश सहनी इसलिए उठ कर निकल गए थे क्योंकि उनकी पार्टी वीआईपी को मनमाफिक सीटें देने की घोषणा तेजस्वी ने नहीं की थी, इसे अगले दिन पर टाल दिया था तब मुकेश साहनी ने आरोप लगाया था कि एक अतिपिछड़ा नेता के पीठ में खंजर घोपा गया, इसके बाद वह एनडीए में चले गए और अब परिस्थितियां बदली हुई दिख रही है, तो वही सहनी अब तेजस्वी यादव को छोटा भाई बता रहे हैं।