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ऐसा ही धमाका भागलपुर के अलावा गोपालगंज, दरभंगा, बांका समेत अन्य जगहों पर भी हुए थे इन धमाकों की घटना की प्रकृति में समानता को देखते हुए एटीएस की दो दिन पूर्व सौंपी गई रिपोर्ट के बाद पुलिस मुख्यालय मामले में स्थानीय पुलिस की घोर लापरवाही पर कड़ा एक्शन और आने वाले समय में ऐसी घटनाओं को रोकथाम के लिए कारगर रणनीति बनाई हैं, इसके लिए भागलपुर में एटीएस की बम डिटेक्शन एण्ड डिस्पोजल टीम की क्षेत्रीय इकाई बनाए जाने पर विचार किया जा रहा है।
एटीएस की रिपोर्ट में स्थानीय पुलिस की लापरवाही पर स्थानीय तातारपुर थाने में धमाके के समय मौजूद पुलिसकर्मियों को बदलने समेत पुलिस पदाधिकारियों पर कार्रवाई की गाज गिरने की बात कही जा रही है, धमाके की सूचना देने में विफल रही विशेष शाखा की कार्यशैली को लेकर भी पुलिस मुख्यालय फेरबदल करने की तैयारी में है।
एटीएस धमाके को लेकर अपनी जांच रिपोर्ट में ब्लास्ट के तार नक्सली आतंकी संगठनों से जुड़े होने से इनकार किया है रिपोर्ट के अनुसार स्थानीय थाना स्तर पर इस मामले में लापरवाही बरती गई है जिससे इतने दिनों तक इलाके में बम बनाने का काम चलता रहा, एटीएस ने अपनी जांच रिपोर्ट में स्थानीय स्तर पर इतनी भारी मात्रा में बारूद का भंडारण करने को लेकर प्रशासन को दोषी ठहराया है।
धमाके के बाद जांच के दौरान मलबे और बरामद अवशेष में सोडियम नाइट्रेट और सल्फर समेत कुछ अन्य तत्व मौजूद मिले थे, एटीएस की रिपोर्ट में इस धमाके के कारणों को स्पष्ट करते हुए कहा गया है कि स्थानीय स्तर पर अवैध रूप से पटाखा बनाने के लिए इन सामग्रियों का भंडारण किया गया था इनके रखरखाव में गड़बड़ी या लापरवाही बरतने कारण ही इनमें विस्फोट हुए हैं।
इस धमाके में सबसे प्रमुख तत्व सोडियम नाइट्रेट और सल्फर को बड़ी मात्रा में मिलाकर बंद डब्बे में रखा गया था इससे डब्बे का दबाव बढ़ गया और ब्लास्ट हो गया, भागलपुर वाले मामले में इस मिश्रण को ऐसे स्थान पर रखा गया था जो काफी गर्म था इससे भी पूरे मिश्रण में एक साथ धमाका हो गया और इतनी बड़ी क्षति हो गई।