Bihar, कैमूर: भभुआ सदर अस्पताल में बुधवार को एक गंभीर और चौंकाने वाला मामला सामने आया है। यहां एक मृत व्यक्ति का दो बार पोस्टमार्टम किया गया, जिस पर परिजनों ने पैसे की उगाही का गंभीर आरोप लगाया है। मामला सामने आते ही स्वास्थ्य विभाग में हड़कंप मच गया है, वहीं सिविल सर्जन ने घटना पर स्पष्टीकरण मांगा है।
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घटना दुर्गावती थाना क्षेत्र से जुड़ा है। जानकारी के अनुसार चैनपुर थाना अंतर्गत बबुरहन गांव का युवक मुकेश राम, पिता श्रीरंग राम, allegedly पशु तस्करी में शामिल था। यूपी के सैयदराजा थाना की पुलिस ने मंगलवार को उसे पशु तस्करी मामले में पीछा किया, जिसके बाद वह भय से भागते हुए बिहार की सीमा में आ गया। इसी दौरान स्थानीय लोगों ने उसकी पिटाई कर दी, जिससे वह गंभीर रूप से घायल होकर कर्मनाशा नदी के पास गिर पड़ा। यूपी पुलिस ने उसे तुरंत भभुआ सदर अस्पताल में भर्ती कराया, जहां इलाज के दौरान उसकी मौत हो गई।
इसके बाद पुलिस प्रक्रिया के तहत अस्पताल में पोस्टमार्टम कराया गया। आरोप है कि पोस्टमार्टम कक्ष के कर्मी ने इस प्रक्रिया के लिए परिजनों से दो हजार रुपये वसूले। पहला पोस्टमार्टम होने के बाद पुलिस ने डॉक्टरों से पूछा कि शरीर से (भेसरा) निकाला गया या नहीं? इसी सवाल पर डॉक्टर्स फिर से शव का दोबारा पोस्टमार्टम करने लगे। इस दौरान पोस्टमार्टम कर्मी ने परिजनों से दूसरी बार दो हजार रुपये और मांग लिए। पैसे देने से इंकार करने पर विवाद बढ़ गया और परिजनों ने हंगामा किया। अंततः कथित तौर पर दो हजार रुपये में ही दोबारा पोस्टमार्टम किया गया।
मामला जैसे ही अस्पताल प्रशासन तक पहुंचा, भभुआ की सिविल सर्जन डॉ. राजेश्वरी रजक ने कहा कि यह घटना गंभीर है और इसकी जांच कर आवश्यक कार्रवाई की जाएगी। उन्होंने स्पष्ट किया कि पोस्टमार्टम के लिए सरकारी फंड के तहत 500 रुपये निर्धारित हैं, ऐसे में दो हजार रुपये की मांग गंभीर लापरवाही और भ्रष्टाचार का संकेत देती है।
उधर मोहनियां एसडीपीओ प्रदीप कुमार ने पुष्टि की कि मृतक के खिलाफ यूपी के सैयदराजा थाना में पशु तस्करी से जुड़ा मामला दर्ज है। उन्होंने बताया कि वह यूपी से अवैध रूप से मवेशी ला रहा था और भीड़ के डर से भागते समय गंभीर रूप से घायल हो गया। उसके साथ एक और व्यक्ति था जो मौके से फरार है। पुलिस मामले के सभी पहलुओं की जांच कर रही है और जल्द ही पूरे घटनाक्रम का खुलासा किया जाएगा।
इस पूरे प्रकरण ने भभुआ सदर अस्पताल और पोस्टमार्टम कक्ष की कार्यप्रणाली पर सवाल खड़े कर दिए हैं। मृतक पर चाहे जो आरोप हों, परिजनों से अवैध वसूली और दोबारा पोस्टमार्टम जैसी कार्रवाई ने अस्पताल प्रशासन की नीयत पर गंभीर प्रश्नचिह्न लगा दिया है। जांच रिपोर्ट आने के बाद ही यह स्पष्ट होगा कि आखिर यह गलती थी, दबाव था, या फिर भ्रष्टाचार का एक और नमूना।



