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इसके साथ ही केंद्र के प्रभारी चिकित्सा पदाधिकारी डॉ. संजीव कुमार भी अनुपस्थित पाए गए। जिसके बाद इस गंभीर लापरवाही को संज्ञान में लेते हुए जिलाधिकारी द्वारा सभी अनुपस्थित चिकित्सकों से स्पष्टीकरण तलब करने एवं स्पष्टीकरण के निस्तारण तक उनका वेतन अवरुद्ध करने का निर्देश सम्बंधित अधिकारियों को दिया गया। जांच के दौरान अस्पताल के 12 अन्य कर्मी भी ड्यूटी से अनुपस्थित पाए गए। जिलाधिकारी ने “नो वर्क, नो पे” सिद्धांत के तहत उन सभी की एक दिन की वेतन कटौती करने एवं उनसे स्पष्टीकरण प्राप्त करने का निर्देश दिया।
निरीक्षण के दौरान जिलाधिकारी श्री सुनील कुमार ने स्पष्ट शब्दों में कहा कि सामुदायिक स्वास्थ्य सेवाओं को चुस्त-दुरुस्त बनाकर आम जनमानस को गुणवत्तापूर्ण और समयबद्ध चिकित्सा सुविधा उपलब्ध कराना सरकार की सर्वोच्च प्राथमिकताओं में शामिल है। किसी भी स्तर पर लापरवाही को बर्दाश्त नहीं किया जाएगा। उन्होंने कहा कि सभी स्वास्थ्य केंद्रों की स्थिति को सुधारने के लिए नियमित औचक निरीक्षण जारी रहेंगे, जिससे ज़मीनी स्तर पर स्वास्थ्य सेवाओं की जवाबदेही और गुणवत्ता सुनिश्चित की जा सके। वही इस कार्यवही से स्वास्थ्य केंद्र में अफरा-तफरी की स्थिति उत्पन्न हो गई। कई कर्मचारी मौके पर अपनी अनुपस्थिति को छिपाने के प्रयास में देखे गए। जिलाधिकारी द्वारा की गई इस कार्रवाई से स्पष्ट संकेत गया है कि शासन आम जन की स्वास्थ्य संबंधी जरूरतों के प्रति गंभीर है, और किसी भी प्रकार की शिथिलता या गैरजवाबदेही पर कड़ी कार्यवाही सुनिश्चित की जाएगी।