Thank you for reading this post, don't forget to subscribe!
बिहार के सभी जिलों में सभा समाप्त करते हुए 23 सितंबर को पटना में सम्मेलन के साथ इस यात्रा का समापन किया जाएगा, इस दौरान हर जिले में स्थानीय छात्र, युवा और प्रबुद्ध नागरिक कार्यक्रमों का आयोजन करेंगे ताकि व्यापक स्तर पर जनसंवाद हो सके, इस संबंध में युवा हल्ला बोल के राष्ट्रीय परिषद सदस्य अर्जुन मिश्रा ने बेरोजगारी के कारण बढ़ती आत्महत्याओं पर चिंता जताते हुए कहा कि हल्लाबोल यात्रा के पीछे उद्देश्य है कि आत्महत्या नहीं, आंदोलन होगा” के नारे पर देशभर के युवाओं को एकजुट किया जाएगा, बेरोजगारी आज जीवन मरण का सवाल बन चुका है, सरकार की कुनीतियों के कारण आम जनता बेरोजगारी, महंगाई, भ्रष्टाचार से त्रस्त है जिसकी वजह से आत्महत्या जैसी चीजें आम हो गई हैं।
छात्रों के भविष्य को अंधेरे में ढकेल कर देश के उज्जवल भविष्य की कोई परिकल्पना बेमानी है, इस संबंध में युवा हल्ला बोल के महासचिव महासचिव प्रशांत कमल ने कहा कि ‘हल्लाबोल यात्रा’ बेरोज़गारी के खिलाफ होने वाले राष्ट्रीय युवा आंदोलन के लिए एक मील का पत्थर साबित होगी, अब चुप्पी साधना या तटस्थ रहने की बजाए राष्ट्रनिर्माण के इस आंदोलन में कूदने का वक्त आ गया है, बेरोजगारी को राष्ट्रीय आपदा बताते हुए प्रशांत ने कहा, प्रति वर्ष दो करोड़ रोजगार का वादा करके सत्ता में आए मोदी सरकार में करोड़ों रोजगार नष्ट हो गए।