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बेगूसराय में इज्जत बचाने के लिए ट्रेन के आगे कूदी नाबालिक, सीओ ने किया था दुष्कर्म का प्रयास

Bihar: बेगूसराय में अपनी इज्जत बताने के लिए एक नाबालिग ट्रेन के आगे कूद गई हादसे में वह तो जिंदा बच गई लेकिन उसके पैर कट गये वह कई दिनों तक बेहोश रही 10 दिन बाद ‌हालत में सुधार होने के बाद उसने बहुत हिम्मत करके पुलिस को बयान दिया दिए गए बयान में उसने बताया है कि वह रसोई में खाना बना रही थी तभी राजस्व विभाग के सीओ साहब, जिनके घर वो खाना बनाती थी वह आए और जबरदस्ती करने लगे किसी तरह से भाग निकली और भागते भागते तेघड़ा स्टेशन के पास ट्रेन के आगे कूद गई।

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इस मामले के सामने आने के बाद गांव के रसूखदार मामले को दबाने में लगे हैं दरअसल पूरा मामला थाना क्षेत्र के दुलारपुर गांव का है पिड़िता ने बताया कि सीओ के घर में खाना बनाने का काम करती है इस दौरान उसके साथ सीओ ने दुष्कर्म करना चाहा पीड़िता के द्वारा रेप का प्रयास करने और जान से मारने की धमकी देने का मामला दर्ज कराया गया है।

दर्ज प्राथमिकी में बताया गया है कि जिले में कार्यरत प्रखंड के इंद्रदेव राम 25 मई को दुलारपुर अपने घर पर ही थे उन्होंने पीड़िता के साथ छेड़छाड़ करते हुए दुष्कर्म का प्रयास किया इसी तरह विरोध कर वहां से भाग निकली और खुद को बचाया भागते भागते तेघड़ा स्टेशन के पास ट्रेन के आगे कूद गई, दुर्घटना उसके पैर कट गए अस्पताल में जान बचने और लड़की को होश आने के बाद तेघड़ा थाने में उसके बयान पर 6 जून को प्राथमिकी दर्ज की गई है। ‌

इस संबंध में तेघड़ा थानाध्यक्ष संजय कुमार ने बताया कि दुलारपुर पंचायत के पूर्व मुख्य सुमन देवी और उसके पति कटिहार जिले में कार्यरत इंद्रदेव राम पर छेड़खानी दुष्कर्म का प्रयास और जान मारने की धमकी का आरोप लगाया गया है, पुलिस ने सीओ पर मामला दर्ज करते हुए पूरे मामले की जांच शुरू कर दी है।

अस्पताल में 10 दिन दिन तक इलाज चलने के बाद पीड़िता ने अपना फर्ज बयान दिया, वही पंचायती के बाद पीड़िता के परिवार पर दबाव है पीड़िता के पिता ने बताया कि गुस्सा के कारण वह ट्रेन के सामने जा कूदी, पीड़िता के बड़े भाई ने कुछ भी बताने से इनकार किया, अपने तीन भाई बहनों में सबसे बड़ी और भाइयों में छोटी है पड़ता मैट्रिक तक पढ़ी लिखी है, साल 18-19 ने मैट्रिक परीक्षा पास की 1 साल सेवा दुलारपुर गांव के पूर्व मुखिया के यहाँ काम करती थी।

बताया जा रहा है कि पूर्व मुख्य सुमन कुमारी बीमार रहती थी इसी कारण उनके घर पर दवाई देने और सेवा करने के लिए रहती थी, वहीं मुखिया के पति हर रविवार को घर आते थे पीड़िता के भाई ने बताया कि पूर्व में किसी भी प्रकार के गलत व्यवहार की बात सामने नहीं आई थी, अगर इस बात का अंदाजा होता तो उसे वहां काम करने के लिए नहीं भेजा जाता वहीं पीड़िता के बड़े भाई के अनुसार जो भी कुछ हो रहा है वह स्थानीय मुखिया और सरपंच करवा रहे हैं वही इलाज के लिए यहां जाओ वहां जाओ बता रहे हैं हम इतने अमीर नहीं की सीओ से केस लड़ सकते हैं।

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