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दरअसल अनिल शर्मा के बहाने भूमिहार और हरी सहनी के बहाने मल्लाह के समीकरण को साधने की कोशिश की गई है दोनों पार्टी के साथ वर्षों से जुड़े हैं और संगठन के अलग-अलग पदों पर काम कर चुके हैं फिलहाल दोनों प्रदेश कार्यकारिणी के सदस्य हैं, अनिल शर्मा का संघ से पुराना नाता रहा है बीजेपी के एक नेता ने बताया कि अनिल शर्मा के पिताजी भी संघ से जुड़े हुए थे अनिल शर्मा भी पिछले कई वर्षों से संगठन से जुड़े हुए हैं इसके अलावा किसान मोर्चा के उपाध्यक्ष, महामंत्री के पद पर भी रह चुके हैं।
पार्टी के दूसरे प्रत्याशी हरि सहनी को दरभंगा में पार्टी का बड़ा चेहरा माना जाता है यह दो-दो बार जिलाध्यक्ष के पद पर आ चुके हैं इसके अलावा संगठन के कई बड़े कार्यक्रमों का इन्होंने सफलतापूर्वक आयोजन किया है दरभंगा के इलाके की बड़ी आबादी मल्लाहओ की है मुकेश सहनी की पार्टी वीआईपी को तोड़ने और उनसे मंत्री पद छिनने के बाद मल्लाह बीजेपी से नाराज चल रहे थे ऐसे में एक मल्लाह की जगह दूसरे मल्लाह को उच्च सदन भेज कर पार्टी ने डैमेज कंट्रोल करने की कोशिश की है।
पार्टी ने जनाधार को साधने के लिए अनिल शर्मा पर दांव खेला है अनिल शर्मा जहानाबाद के हैं और भूमिहार जाति से ताल्लुक रखते हैं, बोचहां उपचुनाव में मिली हार के बाद पार्टी लगतार इस खेमें की नाराजगी दूर करने में जुटी है, यही कारण है कि देवेश कुमार के बाद पार्टी ने अनिल शर्मा को विधान परिषद भेजने का निर्णय लिया है।