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जानकारी के अनुसार मध निषेध उत्पाद एवं निबंधन विभाग द्वारा इसको लेकर संशोधन प्रस्ताव तैयार कर लिया गया है, नए संशोधन में शराब पीने के अपराध में विस्तार के गए अभियुक्तों को राहत मिल सकती है, शराब पीने के जुर्म में जेल भेजे जाने के बजाय मजिस्ट्रेट के सामने जुर्माना राशि को भरने के बाद छोड़ दिए जाने का प्रावधान लागू किया जा सकता है, जुर्माना राशि नहीं भरने की स्थिति में अभियुक्तों को जेल भेज दिया जाएगा, हालांकि नए प्रावधान के मुताबिक शराब बनाने और बेचने वालों पर पहले की तरह ही सख्त कार्रवाई जारी रहेगी।
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इस मामले में फिलहाल मध निषेध विभाग के मंत्री से लेकर अधिकारी तक कुछ भी बोलने से बच रहे हैं लेकिन इस बात की चर्चा है कि बिहार विधान मंडल के आगामी बजट सत्र में शराबबंदी कानून में संशोधन का प्रस्ताव सरकार सदन में ला सकती है, नई व्यवस्था का मकसद न्यायालय में लंबित मामलों को कम करने के अलावा बड़ी शराब माफियाओं और तस्करों को जल्द से जल्द सजा दिलाना है।
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बताते चलें कि बिहार में अप्रैल 2016 से पूर्ण शराबबंदी लागू है इसके तहत शराब बेचने और खरीदने पर प्रतिबंध है, इसका उल्लंघन करने पर उसके खिलाफ कानूनी कार्रवाई का प्रावधान है, जानकारी के अनुसार बिहार में अभी 30 से 40% केस शराब पीने वाले के खिलाफ दर्ज है, ऐसे में शराब तस्करी से जुड़े मामलों की सुनवाई प्रभावित हो रही है, माना जा रहा है कि संशोधन के बाद न्यायालय में लंबित आवेदनों का दबाव कम हो सकता है, ऐसा होने पर बड़े शराब माफिया और तस्करों के मामलों की सुनवाई जल्द पूरी की जा सकेगी, सरकार चाहती है कि ट्रायल जल्द पूरा कर बड़े शराब माफिया को सजा दिलाने की गति बढ़ाई जाए।