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आप देखें तो सबसे बड़ी पार्टी कांग्रेस है, उसके बाद तृणमूल, उसके बाद डीएमके है, जो पूरे-पूरे राज्य जीतकर बैठे हैं, उनके पास 20-20, 25-25 एमपी हैं वे अपने राज्यों में जीतने का दावा कर सकते हैं नीतीश कुमार के पास कुछ है ही नहीं, न दल बचा है, न इमेज बचा है तो किस आधार पर आपको संयोजक बना दिया जाए आप कर्नाटक, तमिलनाडु, बंगाल में जाकर देखिए भला कौन नीतीश कुमार की चर्चा कर रहा है।
वही राजद पर तीखा हमला बोलते हुए कहा कि जिस दिन महागठबंधन की सरकार बिहार में बनी, उसी दिन मैंने कहा था कि बिहार का महागठबंधन बिहार की घटना है, इसका राष्ट्रीय राजनीति पर कोई असर नहीं पड़ने वाला है अब आप लोगों का ये मानना है कि ये इतना मजबूत दल है कि ये डिसाइड कर सकते हैं जिस दल के पास जीरो एमपी हैं वो बताएंगे कि कौन देश चलाएगा, नीतीश के पास 42 विधायक व 16 एमपी हैं, इस बार वो कितनी सीटें लाएंगे ये सबको मालूम है, जब आपकी अपनी ताकत नहीं है, आपके अपने 10 एमपी नहीं हैं, तो आप देश की राजनीति में भला क्या भूमिका अदा कर सकते हैं।