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जहरीली शराब से हुई मौतों की शुरूआती छानबीन में पता चला है की पंचायत चुनाव की वोटिंग से पहले यहां शराब बांटी गई थी, गोपालगंज में बुधवार की शाम तक 8 लोगों की मौत हुई थी लेकिन गुरुवार की सुबह तक मोतीहारी और गोपालगंज के अस्पताल में भर्ती पांच और लोगों की मौत हो गई, प्रशासन फिलहाल जहरीली शराब से हुई मौत की संख्या की पुष्टि नहीं कर रहा है, इसी बीच खनन मंत्री जनक राम बुधवार को जहरीली शराब से मारे गए आठ लोगों के घर परिजनों से मिलने पहुंचे थे, इस दौरान उन्होंने कड़ी कार्रवाई का आश्वासन भी दिया।
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दरअसल पंचायत चुनाव की वजह से राज्य में शराब की डिमांड बढ़ी हुई है, इस वजह से शराब माफिया ने कलर और स्प्रिट की मात्रा बढ़ा दी है, इससे बनी शराब को विदेशी बता कर पिलाने के कारण लोगों की मौतें हो रही है, सरकारी आंकड़ों के मुताबिक बिहार में 5 अप्रैल 2016 से शराबबंदी लागू हुई थी तब से अब तक 123 लोगों की जहरीली शराब पीने से मौत हो चुकी है इस साल मामला रिकॉर्ड तोड़ रहा है क्योंकि जनवरी से अब तक 46 लोगों की मौत हो चुकी है।
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साल 2016 से 2020 तक 35 लोगों की मौत हुई थी, वही बीते 48 घंटों में ही 23 से ज्यादा लोगों की मौत हो चुकी है, बेतिया जिले में भी प्रशासन छानबीन कर रही है की आखिर शराब कहां से आई फिलहाल पता चला है की इलाके में चल रहे किसी देसी चुल्हाई से शराब पी गई थी।
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जिसके बाद देर रात तबियत बिगड़ने लगी और इन लोगों को अस्पताल में भर्ती कराया गया था, जिनमें से 10 लोगों ने इलाज के दौरान ही दम तोड़ दिया, वहीं पुलिस का कहना है की पोस्टमार्टम रिपोर्ट आने के बाद ही मौत का कारण स्पष्ट हो पाएगा, वहीं बेतिया के डीएम कुंदन कुमार कहना है की मामला संदिग्ध लग रहा है, फिलहाल मेडिकल टीम भेज कर जांच करवाई जा रही है।