Bihar, पटना: बिहार सरकार ने राज्य के मूल निवासी और देश के विभिन्न प्राइवेट सेक्टर में कार्यरत अनुभवी पेशेवरों को मुख्यमंत्री फेलोशिप योजना के तहत जोड़ने का निर्णय लिया है। इस प्रस्ताव को मंगलवार को मुख्यमंत्री नीतीश कुमार की अध्यक्षता में हुई कैबिनेट बैठक में मंजूरी दी गई।
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फेलोशिपधारी उम्मीदवारों को आईआईएम बोधगया में लोक नीति और सुशासन विषय पर विशेष प्रशिक्षण दिया जाएगा। चयन प्रक्रिया, ट्रेनिंग और सर्टिफिकेट प्रदान करने की जिम्मेदारी आईआईएम बोधगया को सौंपी गई है।
फेलोशिपधारक मुख्यमंत्री कार्यालय, उपमुख्यमंत्री कार्यालय, मुख्य सचिव कार्यालय, विकास आयुक्त, सचिवालय स्थित विभिन्न विभागीय कार्यालयों के साथ-साथ प्रमंडलीय आयुक्त एवं नगर आयुक्त कार्यालयों में कार्य कर सकेंगे।
फेलोज़ को उनके अनुभव के आधार पर 1.80 लाख, 1.25 लाख, 1.50 लाख और 80 हजार रुपये प्रति माह मानदेय मिलेगा।
बैठक में कुल 25 प्रस्तावों को स्वीकृति प्रदान की गई।
कैबिनेट के प्रमुख निर्णय
सरकारी योजनाओं के लिए गांव की तर्ज पर अब शहरी क्षेत्रों में भी लीज पर भूमि उपलब्ध कराने का निर्णय।
3303 नए राजस्व कर्मचारी पदों के सृजन की मंजूरी।
176 थानों में 280 करोड़ की लागत से सीसीटीवी कैमरे लगाने का निर्णय।
मुख्यमंत्री की घोषणा के अनुरूप आंगनबाड़ी सेविका व सहायिका का मानदेय बढ़ाया गया।
पटना में बनेगा जीविका मुख्यालय भवन (73 करोड़ 66 लाख की लागत)।
बिहार जीविका गोधन संरक्षण एवं प्रबंधन योजना को मंजूरी, जिसके तहत अब गोवंशीय पशुओं का संरक्षण जीविका करेगी।
अन्य स्वीकृतियां
चुनाव से पहले गांव-गांव में सोलर स्ट्रीट लाइट परियोजना पूरी करने के लिए 100 करोड़ रुपये मंजूर।
राज्य के 6 बड़े शहरों में गैस आधारित शवदाह गृह फाउंडेशन को 33 वर्षों की लीज।
ग्रामीण पेयजल निश्चय योजना से जुड़ी विद्युत देनदारियों के भुगतान हेतु आकस्मिकता निधि से 594 करोड़ की स्वीकृति।
8053 ग्राम पंचायतों में मुख्यमंत्री कन्या विवाह मंडप का चरणबद्ध निर्माण, योजना के लिए 50 करोड़ की मंजूरी।
जानिए मुख्यमंत्री फेलोशिप योजना क्या है? किन लोगों का होगा चयन
यह योजना बिहार सरकार ने राज्य के मूल निवासी और देश के किसी भी प्राइवेट सेक्टर में काम करने वाले अनुभवी लोगों के लिए शुरू की है।
इसका मकसद है कि प्राइवेट सेक्टर का अनुभव रखने वाले लोग सरकार के साथ जुड़कर नीति निर्माण, सुशासन और विकास कार्यों में मदद करें।
कैसे चुने जाएंगे लोग?
चयन प्रक्रिया: आईआईएम बोधगया के जरिए होगी।
चयनित उम्मीदवारों को लोक नीति और सुशासन (Public Policy & Good Governance) पर ट्रेनिंग दी जाएगी।
ट्रेनिंग पूरी होने पर सर्टिफिकेट भी मिलेगा।
कहाँ काम करेंगे फेलोशिपधारी?
चयनित फेलोज़ इन जगहों पर काम करेंगे 👇
मुख्यमंत्री कार्यालय
उपमुख्यमंत्री कार्यालय
मुख्य सचिव व विकास आयुक्त कार्यालय
सचिवालय के विभागीय कार्यालय
प्रमंडलीय आयुक्त और नगर आयुक्त कार्यालय
मानदेय (Stipend) कितना मिलेगा?
फेलोशिपधारियों को उनके अनुभव और जिम्मेदारी के आधार पर 80 हजार से लेकर 1.80 लाख रुपये प्रति माह तक का मानदेय दिया जाएगा।
इससे लोगों को क्या लाभ होगा?
1. अनुभवी प्रोफेशनल्स को सरकार से जुड़ने का मौका मिलेगा।
2. उन्हें आईआईएम बोधगया जैसी शीर्ष संस्था से ट्रेनिंग और सर्टिफिकेट मिलेगा।
3. अच्छी-खासी मासिक आमदनी होगी (80 हजार–1.80 लाख रुपये)।
4. सरकारी कामकाज और नीति निर्माण में प्रत्यक्ष अनुभव मिलेगा, जिससे आगे करियर में बड़ा लाभ होगा।
5. बिहार सरकार को प्राइवेट सेक्टर के अनुभव का फायदा मिलेगा और योजनाओं की कार्यान्वयन क्षमता बढ़ेगी।



