Bihar, पटना: मुख्यमंत्री नीतीश कुमार की अध्यक्षता में मंगलवार को हुई राज्य मंत्रिपरिषद की बैठक में बिहार औद्योगिक निवेश प्रोत्साहन पैकेज 2025 को मंजूरी दे दी गई। इस पैकेज का उद्देश्य राज्य में औद्योगिक निवेश को आकर्षित करना, रोजगार सृजन करना और बिहार को औद्योगिक मानचित्र पर नई पहचान दिलाना है।
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मुख्य सचिव अमृत लाल मीणा ने बैठक के बाद प्रेस कॉन्फ्रेंस में बताया कि औद्योगिक निवेशकों के लिए भूमि आवंटन और प्रोत्साहन राशि की विशेष व्यवस्था की गई है।
निवेशकों के लिए जमीन की विशेष व्यवस्था
100 करोड़ का निवेश और 1,000 प्रत्यक्ष रोजगार देने वाली इकाइयों को 10 एकड़ जमीन
1,000 करोड़ का निवेश करने वालों को 25 एकड़ जमीन
फॉर्च्यून 500 कंपनियों को निवेश पर 10 एकड़ जमीन मुफ्त
इसके अलावा नेउरा-दनियावां के बीच फिनटेक सिटी विकसित करने का निर्णय लिया गया है। इसके लिए 242 एकड़ भूमि का अधिग्रहण और 408 करोड़ रुपये की स्वीकृति दी गई है। यहां निवेशकों के लिए अत्याधुनिक बुनियादी ढांचा विकसित किया जाएगा।
32 नए औद्योगिक पार्क
बैठक में राज्य सरकार ने 32 नए औद्योगिक पार्क स्थापित करने के लिए 14,600 एकड़ भूमि के अधिग्रहण को मंजूरी दी। सात प्रमुख शहरों – भोजपुर, शेखपुरा, रोहतास, शिवहर, दरभंगा, पूर्णिया और पटना – में नए औद्योगिक क्षेत्र बनाए जाएंगे।
अंतरराष्ट्रीय उड़ान को बढ़ावा
बिहार से अंतरराष्ट्रीय उड़ानों को प्रोत्साहित करने के लिए विशेष पैकेज की घोषणा की गई है। इसके तहत:
पटना–काठमांडू : ₹5 लाख, गया–शारजाह : ₹10 लाख, गया–बैंकॉक : ₹10 लाख, गया–कोलंबो : ₹10 लाख, गया–सिंगापुर : ₹10 लाख, प्रत्येक रूट पर ट्रिप अराउंड पैकेज की सुविधा दी जाएगी।
कृषि सलाहकारों का मानदेय बढ़ा
राज्य के 7,047 कृषि सलाहकारों को बड़ी राहत देते हुए उनका मानदेय 13,000 रुपये से बढ़ाकर 21,000 रुपये मासिक कर दिया गया है।
ऊर्जा क्षेत्र से जुड़े फैसले
राज्य की तीन निर्माणाधीन पनबिजली परियोजनाएं – बरबल, रामपुर और नटवार – बंद कर दी जाएंगी। वहीं 9 अन्य बिजलीघरों (तेजपुरा, डेहरा, सिपहा, बलिदाद, पहरमा, मथौली, राजापुर, अमेठी और डेहरी) के निर्माण पर 167 करोड़ रुपये खर्च किए जाएंगे।
📌 बॉक्स
बिहार औद्योगिक निवेश प्रोत्साहन पैकेज 2025
पैकेज अधिसूचना की तिथि से 31 मार्च 2026 तक लागू रहेगा।
नई औद्योगिक इकाइयों को सिंगल विंडो क्लियरेंस पोर्टल पर आवेदन करना होगा।
न्यूनतम परियोजना लागत: 50 लाख रुपये।
परियोजना का कार्यान्वयन 31 मार्च 2027 से पहले करना अनिवार्य।
2016 की नीति के तहत लाभ प्राप्त कर चुकी इकाइयां इस पैकेज में अयोग्य होंगी।
पुराने आवेदनकर्ता, जिन्होंने अब तक उत्पादन शुरू नहीं किया है, उन्हें नया आवेदन करना होगा।
एक ही प्रकार के लाभ को दो अलग नीतियों से नहीं लिया जा सकेगा।
यह पूरा पैकेज बिहार सरकार के औद्योगिक माहौल को बेहतर बनाने, निवेशकों के लिए आकर्षक वातावरण तैयार करने और युवाओं के लिए बड़े पैमाने पर रोजगार के अवसर पैदा करने की दिशा में अहम कदम माना जा रहा है।




