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जो कि नियम संगत के विरुद्ध है। इस संबंध में उनसे स्पष्टीकरण माँगा गया। जिसका जबाव संतोषप्रद नहीं पाया गया। जिसके बाद उन्हें निलंबित करते हुए विभागीय कार्रवाई प्रारंभ करने के लिए अग्रेतर कार्रवाई की जा रही है। डीएम ने इस कार्य के सफल संपादन में किसी तरह की लापरवाही नहीं बरतने एवं बाधा उत्पन्न करने वाले संबधित पदाधिकारियों/कर्मचारियों पर लोक प्रतिनिधित्व अधिनियम के तहत केस होने की बात कही है।
आपको बता दें कि बारसोई बीडीओ ने अनुमंडल पदाधिकारी दीक्षित श्वेतम पर प्रताडित करने का आरोप लगाते हुए इस्तीफा दे दिया था। इसके बाद से किसी का उनसे संपर्क नहीं हो पा रहा था। जिसके बाद बीते सोमवार को वो काम पर वापस लौट आए थे।