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कुदरा अंचल अंतर्गत नेवरास पंचायत की भूमि पर दो अलग-अलग खंडों में विभक्त है बड़ा खंड 29.5 एकड़ का है और उसकी परिधि लगभग 2.2 किलोमीटर है जबकि छोटा खंड 4.5 एकड़ का है और उसकी परिधि 800 मीटर है, बीच बीच में बबूल के वृक्षों से युक्त यह भूमि वर्तमान में वनस्पति से रहित है, जैव विविधता पार्क बन जाने से यहाँ की भूमि हरियाली आएगी जिससे पर्यावरण की बेहतरी में भी मदद मिलेगी।
रोहतास व कैमूर जिला के बीच में कुदरा नदी के मनोरम तट पर अवस्थित यह स्थल दिल्ली-कोलकाता नेशनल हाईवे के मात्र 7 किलोमीटर की दूरी पर है, समीप से ही रेलवे स्टेशन भी है ऐसे में पर्यटन स्थल के रूप में इसके विकास के तमाम संभावनाएं हैं, प्रारंभिक परियोजना रिपोर्ट में कहा गया है कि कृष्ण मृग भारतीय उपमहाद्वीप की देसी मृग प्रजातियों में है और शाहाबाद क्षेत्र के खेतिहर मैदानी इलाकों में बहुतायत से पाया जाता है जैव विविधता पार्क में उसके साथ उसके प्राकृतिक आवास का भी संरक्षण होगा जिसमें ग्रासलैंड व वुडलैंड युक्त स्थिति तंत्र शामिल होंगे।
पता चले कि इलाके में कृषि भूमि के विस्तार और विकास की प्रक्रिया से बंद क्षेत्र का लगातार हरा सो रहा है जिस वजह से कुदरा नेटवर्क इलाके में पाए जाने वाले प्रजाति के जंतुओं के प्राकृतिक आवास बहार को लेकर बड़ा होता जा रहा है इसके चलते भोजन की तलाश में भी किसानों के खेतों में पहुंच जाते हैं और नुकसान पहुंचाते हैं जैव विविधता पार्क के रूप में तैयार हो जाने से बचा होगा और किसानों को भी राहत मिलेगी।
प्रारंभिक परियोजना रिपोर्ट में इस पार्क को दो चरणों में विकसित करने का प्रस्ताव है। पहले चरण में पार्क को चालू करने के लिए बुनियादी न्यूनतम सुविधाएं विकसित करने की बात कही गई है जिसमें बाड़, प्राकृतिक दृश्य, बुनियादी उपकरण तथा प्रकाश व्यवस्था व सिंचाई सुविधाओं का विकास शामिल है, इसमें गेट, टिकट काउंटर, पाथवे, साइकिल ट्रैक, बच्चों के खेल के उपकरण, ओपन जिम आदि का निर्माण शामिल होगा, दूसरे चरण में कई अन्य थीम आधारित पार्क विकसित करने की बात कही गई है जिसके उदाहरण के रूप में बटरफ्लाई पार्क, बोन्साई गार्डन, कैक्टस गार्डन, जीवाश्म पार्क, रॉक पार्क, औषधीय उद्यान, योग पार्क आदि की चर्चा की गई है।