Homeरामगढ़बाइक सवार अमीन को अपराधियों ने मारी गोली, मौत

बाइक सवार अमीन को अपराधियों ने मारी गोली, मौत

Bihar: कैमूर जिले के रामगढ़ थाना क्षेत्र अंतर्गत रामगढ़-मोहनिया पथ पर दैतरा बाबा स्थान के समीप हथियारबंद बेखौफ अपराधियों ने बाइक सवार अमीन रामनिवास चौधरी को गोली मार दी, गोली की आवाज सुनकर बगल में बिल्डिंग मटेरियल की दुकान में खड़े लोग सहम गए हैं जिसके बाद पुजारी समेत मौजूद कई लोगों ने भागकर जान बचाई वही गोली लगने से अमीन सड़क पर लहूलुहान होकर गिर पड़े जिसके बाद भटौली के युवकों ने उन्हें रेफरल अस्पताल पहुंचाया जहां से बेहतर इलाज के लिए वाराणसी ट्रामा सेंटर रेफर किया गया इस दौरान बनारस पहुंचते ही उनकी मौत हो गई।

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रामगढ़ थाना

स्थानीय पुलिस इस मामले में रामनिवास चौधरी के फर्द बयान के आधार पर एक नामजद और दो अज्ञात पर प्राथमिकी दर्ज कर अपराधियों की गिरफ्तारी में जुट गई है, व्यक्ति को कंधे और बांह में दो गोली लगी है वहीं मृतक अमीन रामनिवास चौधरी मत्स्य विभाग मंत्री विजयमल चौधरी के बहनोई बताए जा रहे हैं, थाना कांड संख्या-18/2022 केस में गवाह था, जिसे अपराधियों ने गोली मार मौत के घाट उतारकर गवाही के रास्ते पर ब्रेक लगा दिया, इस घटना से अंकोढ़ी रामगढ़ गोड़सरा में भय व दहशत का माहौल कायम हो गया है।

जानकारी के अनुसार अंकोढी गांव निवासी रामराज चौधरी के पुत्र रामनिवास चौधरी मोहनियां थाना के गौरा डेरा पर रामधीन सिंह यादव के यहां जमीन मापी करने बाइक से गये थे, कार्य संपन्न होने के बाद वे बाइक से अपने गांव लौट रहे थे रामगढ़ सीमा क्षेत्र में दैतरा बाबा स्थान से 10 गज आगे बढ़े ही थे कि घात लगाए बाइक सवार बदमाशों में बाइक रोक ताबड़तोड़ गोली इनके उपर बरसा दिया जिसमें दो गोली अमीन के शरीर में लगते ही गिर पड़े अपराधी मृत समझ रामगढ़ बाजार के रास्ते फरार हो गए।

घटना के काफी देर बाद रेफरल अस्पताल में पुलिस पहंच गोली लगने से लहुलुहान हुए अमीन का फर्द बयान ली, बीते वर्ष 18 अप्रैल 2022 को रात के आठ बजे के करीब रामनिवास चौधरी के दरवाजे पर अपराधियों ने एक समारोह के दौरान ताबड़तोड़ गोलियां बरसाई थी जिसमें मत्स्य जीवी सहयोग समिति के मंत्री गोड़सरा गांव निवासी विजयमल चौधरी बुरी तरह से घायल हो गए थे विजयमल को 7 गोली शरीर के विभिन्न हिस्सों में लगी थी एक आंख भी उड़ गई थी छह माह तक बीएचयू के ट्रामा सेंटर में जीवन और मौत से जुझने के बाद किसी तरह बचे थे तब प्रत्यक्षदर्शी के रुप में बहनोई रामनिवास चौधरी मौजूद थे जो उस घटना में गवाह थे।

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