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हालांकि पीड़ित खाताधारकों की सूची बनाने के बाद पुलिस ने प्रवीण की तलाश शुरू कर दी है। जाँच में पता चला कि सीएसपी संचालक ने अपनी पत्नी अनीता देवी समेत परिवार के अन्य सदस्यों के सहयोग से खाताधारकों का अवैध तरीके से बायोमीट्रिक फिंगर प्रिंट ले लिया था। जिसकी मदद से ग्रामीणों के खाते से अवैध निकासी कर ली गई तथा ग्राहकों से राशि जमा लेने के बाद सीएसपी संचालक उन्हें फर्जी रिसीविंग दे दिया करता था। खाताधारकों ने बताया कि इस फर्जीवाड़े में बैंक आफ बड़ौदा के कर्मियों की भी भूमिका है।
उन्होंने बताया की जब-जब वे लोग पासबुक अपडेट करवाने जाते थे तब-तब मशीन खराब होने की बात कहकर लौटा दिया जाता था। इस कारण राशि जमा या निकासी की जानकारी सही समय पर नहीं मिल पाई। ग्रामीणों ने खाते की राशि जांच ने के नाम पर भी निकासी करने का आरोप लगाया। कुछ ग्राहकों ने कहा कि उनके खाते की राशि दूसरे के खाते में ट्रांसफर कर भी राशि की निकासी की गई है। अब तक की जांच में 40 लाख रुपये से अधिक की निकासी की बात सामने आई है। राशि में और वृद्धि की संभावना है। फर्जीवाड़े की जानकारी मिलते ही सीएसपी के वरीय अधिकारी को कार्रवाई करने के लिए कहा गया है।