Bihar, कैमूर: चैनपुर प्रखंड क्षेत्र के नगर पंचायत हाटा स्थित उर्दू मध्य विद्यालय हाटा में फर्जी प्रमाण पत्र के आधार पर 18 वर्षों से कार्यरत एक शिक्षक का खुलासा हुआ है। जांच में संबंधित शिक्षक के शैक्षणिक प्रमाण पत्र को फर्जी पाया गया, जिसके बाद निगरानी विभाग की ओर से चैनपुर थाने में प्राथमिकी दर्ज कराई गई है।
Thank you for reading this post, don't forget to subscribe!

मामले से संबंधित आवेदन जहांगीर अंसारी, पुलिस निरीक्षक-सह-जांचकर्ता, निगरानी अन्वेषण ब्यूरो, पटना द्वारा दिया गया है। उन्होंने बताया कि माननीय उच्च न्यायालय, बिहार, पटना के आदेशानुसार जिलेवार शिक्षकों के शैक्षणिक प्रमाण पत्रों की जांच की जा रही है। इसी क्रम में जिला कार्यक्रम पदाधिकारी (स्थापना), कैमूर और प्रखंड शिक्षा पदाधिकारी, चैनपुर द्वारा उपलब्ध कराए गए दस्तावेजों के आधार पर यह फर्जीवाड़ा सामने आया।
जांच में पाया गया कि पंचायत शिक्षक सरवर आलम अंसारी, पिता नूरुल हसन अंसारी, ग्राम हाटा, थाना चैनपुर, जिला कैमूर का नियोजन वर्ष 2007 में हुआ था। वर्तमान में वे बीएमसी उर्दू मध्य विद्यालय हाटा में कार्यरत हैं। शिक्षक ने न्यायालय द्वारा निर्धारित एमनेस्टी पीरियड के दौरान त्यागपत्र भी समर्पित नहीं किया था।
दरअसल, वर्ष 2006 में सरवर आलम अंसारी ने पंचायत शिक्षक पद के लिए आवेदन दिया था। पंचायत सचिव, ग्राम पंचायत हाटा के आदेश पत्रांक 02/21.02.2007 के तहत उनकी नियुक्ति हुई थी। उन्होंने अपने इंटरमीडिएट के प्रमाण पत्र में प्रथम श्रेणी दिखाते हुए रोल कोड 1602, रोल नंबर 10363, वर्ष 2000 में 699 अंक का विवरण प्रस्तुत किया था।
लेकिन बिहार विद्यालय परीक्षा समिति, पटना से जांच के बाद यह सामने आया कि उक्त रोल कोड और रोल नंबर के अनुसार सरवर आलम अंसारी तृतीय श्रेणी से पास हुए थे और उनके कुल अंक मात्र 399 थे।
इस प्रकार उन्होंने फर्जी अंकपत्र प्रस्तुत कर शिक्षक की नौकरी प्राप्त की। मामले की पुष्टि करते हुए चैनपुर थानाध्यक्ष विजय प्रसाद ने बताया कि फर्जी प्रमाण पत्र पर नियुक्ति के संबंध में प्राथमिकी दर्ज कर ली गई है तथा मामले की जांच और आगे की कार्रवाई जारी है।