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साथ ही, ट्रिपल-सी (कमांड, कंट्रोल, कम्युनिकेशन सेंटर) के कैमरों का गहन अवलोकन कर दोषियों की पहचान की जाएगी। उन्होंने आश्वासन देते हुए कहा की फर्जी नंबर प्लेट का इस्तेमाल करने वाले अपराधियों के खिलाफ FIR दर्ज कर कड़ी कार्रवाई की जाएगी। इन घटनाओं ने भागलपुर और आसपास के क्षेत्रों में लोगों के बीच गहरी नाराजगी पैदा कर दी है। लोग सवाल उठा रहे हैं कि आखिर कब तक विभाग अपनी जिम्मेदारियों से बचते रहेंगे? क्या तकनीकी संसाधनों की मौजूदगी के बावजूद निर्दोष नागरिकों को ऐसे फर्जीवाड़े का शिकार होना पड़ेगा? यह स्थिति न केवल प्रशासनिक लापरवाही की ओर इशारा करती है, बल्कि नागरिकों के भरोसे को भी कमजोर करती है। जरूरत है कि इन घटनाओं पर सख्त कदम उठाए जाएं ताकि निर्दोष लोग सुरक्षित महसूस कर सकें।