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फर्जी दरोगा पिछले 3 साल से राजगीर पुलिस अकादमी के पास किराए का कमरा लेकर रह रहा था, 3 साल पहले कमलेश ने सेटिंग के जरिए SI की परीक्षा दी थी लेकिन वह क्वालिफाई नहीं कर पाया था, इसके बाद उसे सेटर ने अकादमी के पास रहने की सलाह दी, सेटर ने उससे कहा कि बैकडोर से उसकी बहाली करवा देगा इसके बाद उसने एकेडमी के एक गार्डेनर से दोस्ती की और उसके साथ वह अंदर आने-जाने लगा।
कुछ समय के बाद गार्डेनर को वहां से हटा दिया गया, इसके बाद कमलेश की एंट्री पुलिस एकेडमी के अंदर बंद हो गई, फिर उसने पुलिस की वर्दी सिलवाई और फर्जी ID कार्ड बनवाया इसके बाद प्रशिक्षु दरोगा के साथ मिलकर एकेडमी जाने लगा, छविलापुर थानाध्यक्ष ने बताया कि शुक्रवार को किसी काम को लेकर फर्जी दरोगा कमलेश वर्दी में थाना पहुंचा, तब उसे ड्यूटी में तैनात पुलिस अधिकारी ने थाना आने का कारण पूछा जब उससे आई कार्ड की मांग की गई तो उसमें दीपू कुमार नाम लिखा था जबकि वर्दी पर कमलेश लिखा था।
पूछताछ के दौरान उसने बताया कि वह सासाराम के वेदा ओपी में तैनात है कन्फर्मेशन के लिए वेदा ओपी प्रभारी से बातचीत की तो उन्होंने कमलेश या दीपू नाम के दरोगा की प्रतिनियुक्ति को खारिज कर दिया, इसके बाद कमलेश को गिरफ्तार कर लिया गया।