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डीईओ कार्यालय के सूत्रों से पता चला कि अभी विद्यालय के प्राचार्य के द्वारा पत्र का जवाब नहीं दिया गया है दुर्गावती कन्या ट्रस्ट द्वारा इस विद्यालय का संचालन होता हैं, विद्यालय का स्थाई संबद्धता भी दुर्गावती कन्या ट्रस्ट द्वारा प्राप्त हुआ है लेकिन वित्तीय अनियमितता और गबन के आरोप लगने के बाद इस विद्यालय के प्राचार्य सुरेंद्र प्रसाद सिंह ने मनमाने तरीके से सर्वोदय ट्रस्ट का गठन कर दिया और चोरी छिपे बिहार विद्यालय परीक्षा समिति में ट्रस्ट की छायाप्रति जमा कर दी जिसके बाद बिहार विद्यालय परीक्षा समिति के निदेशक ने प्राचार्य और अध्यक्ष के साथ कैमूर डीईओ को एक पत्र प्रेषित किया।
इस पत्र में लिखा गया कि किस परिस्थिति में दुर्गावती कन्या ट्रस्ट के स्थान पर सर्वोदय ट्रस्ट डीड के प्रति परीक्षा समिति में जमा की गई क्या इसकी सूचना जिला कार्यालय और बिहार विद्यालय परीक्षा समिति पटना को दी गई थी, दुर्गावती कन्या ट्रस्ट एवं विद्यालय प्रबंधक समिति के अध्यक्ष भरत सिंह के अनुसार कई वित्तीय वर्ष के आय-व्यय दस्तावेज गायब है एक एक साजिश के तहत विद्यालय के प्राचार्य के द्वारा नष्ट कर दिया गया है ताकि वित्तीय अनियमितता और गबन का मामला उजागर ना हो सके।
प्राचार्य के द्वारा बड़े पैमाने पर विद्यालय की राशि का दुरुपयोग किया गया है इसकी जानकारी उस वक्त हुई जब प्राचार्य के द्वारा किए गए भ्रष्टाचार की जांच कराने के लिए समिति के 3 सदस्यीय जांच समिति गठित की गई, जांच समिति द्वारा प्राचार्य के द्वारा किए गए भ्रष्टाचार और वित्तीय गबन का मामला उजागर हुआ यह राशि कई लाख में है इससे बचने के लिए प्राचार्य में विद्यालय की शिक्षिका सुशीला त्रिपाठी के नेतृत्व में एक ट्रस्ट गठित किया हालांकि विभाग ने संज्ञान में लेते हुए अंकित तमाम आरोपों के संदर्भ में प्राचार्य से बिंदुवार साक्ष्य के साथ जवाब मांगा है लेकिन अभी तक प्राचार्य के द्वारा साक्ष्य प्रस्तुत नहीं करना अपने आप में गंभीर विषय है।
वही इस विद्यालय में पढ़ने वाले छात्राओं के भविष्य भी संकट में है और विद्यालय का विकास विरुद्ध है, इतना ही नहीं विद्यालय के 2 शिक्षकों को भी मनमाने तरीके से विद्यालय में पढ़ाने से मना कर दिया गया है और पूर्व में रिटायर शिक्षकों को उन शिक्षकों की जगह बाहर करके पढ़ाया जा रहा है, जिससे प्रतीत होता है कि विद्यालय पर कब्जा करने की नियत ऐसे घिनौने कार्य किया गया हैं प्राचार्य को नोटिस भेजकर जवाब मांगा गया था लेकिन अभी तक कोई जवाब प्राप्त नहीं दिया गया है समय पर जवाब नहीं मिलने पर आगे कार्रवाई की जाएगी।