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जिस कारण सरकार चलाने वाले लोग ज्यादातर समय चुनाव के चक्र में फंसे रहते हैं। इसलिए अगर इसे एक या दो बार किया जाए तो सरकार भी हमेशा चुनाव मोड में नहीं रहेगी। साथ ही सरकार और जनता दोनों का समय और खर्च बचेगा। साथ ही प्रशांत किशोर के द्वारा सरकार को सलाह दिया गया की देश में पिछले 50 सालों से चली आ रही चुनाव प्रक्रिया को 1 दिन में नहीं बदला जा सकता। सरकार को इस बदलाव को लागू करने के लिए 4-5 साल का समय देना चाहिए।
उन्होंने कहा इतने बड़े बदलाव 1 दिन में नहीं हो सकते। उन्होंने यह भी स्पष्ट किया कि “वन नेशन, वन इलेक्शन” की सफलता इस बात पर निर्भर करेगी कि सरकार इसे किस उद्देश्य और नीयत से लागू करती है। उन्होंने कहा, “यदि यह कानून सही नीयत से लाया जाता है तो यह स्वागत योग्य कदम है, लेकिन अगर इसका इस्तेमाल किसी विशेष वर्ग या समाज को हानि पहुंचाने के लिए किया जाता है, तो यह उचित नहीं होगा। सरकार की ईमानदारी और मंशा इस प्रक्रिया की सफलता का निर्धारण करेगी।”