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दरअसल शनिवार को प्रशांत किशोर ने ट्वीट करते हुए लिखा कि नीतीश कुमार जी, अगर आपका बीजेपी-एनडीए से कोई लेना-देना नहीं है तो अपने सांसद को राज्यसभा के उपसभापति का पद छोड़ने के लिए कहे, आपके पास हर समय दोनों तरीके नहीं हो सकते।
बिहार में राजनितिक गठजोड़ के बाद दोनों पूर्व सहयोगी भाजपा के साथ अपने संबंधों को लेकर झगड़ रहे है, बुधवार को प्रशांत किशोर जो बिहार में पदयात्रा पर है उन्होंने बताया था कि बिहार के मुख्यमंत्री जदयू के माध्यम से भाजपा के संपर्क में है और जो लोग सोच रहे कि नीतीश कुमार सक्रिय रूप से भाजपा खिलाफ राष्ट्रीय गठबंधन बना रहे हैं उन्हें आश्चर्य होगा कि उन्होंने भाजपा के साथ एक लाइन खुली रखी है पार्टी के सांसद और राज्य के उपसभापति हरिवंश के जरिए भाजपा के संपर्क में है।
प्रशांत किशोर ने यह भी सुझाव दिया कि हरिवंश को इस कारण से अपने राज्यसभा पद से इस्तीफा देने के लिए नहीं कहा गया है भले ही जदयू ने भाजपा से नाता तोड़ लिया हो, वहीं नीतीश कुमार ने शुक्रवार को इन आरोपों को खारिज करते हुए बताया कि अपने प्रचार के लिए बोल रहे हैं वह अपने प्रचार के लिए बोलते हैं और जो चाहे कर सकते हैं हमें परवाह नहीं है, एक समय था जब मैं उनका सम्मान करता था जिन लोगों का मैं सम्मान करता था उन्होंने मेरा अपमान किया है।