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दरअसल बांका में दर्ज 2013 के एक केस में जब उनका नाम पहली बार आरोपितों की सूची से जुड़ा तो सभी हैरान थे, कई नोटिस के बाद भी जय श्री ठाकुर की उपस्थित नहीं होने पर उन्हें 28 जनवरी 2019 को गिरफ्तार कर लिया गया था उस वक्त पूर्व एडीएम जयश्री ठाकुर बांका में भू अर्जन पदाधिकारी थे।
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उनकी गिरफ्तारी के बाद पटना स्थित विशेष सीबीआई की अदालत ने न्यायिक हिरासत में जेल भेज दिया था, सृजन घोटाले की जांच कर रही सीबीआई के द्वारा नोटिस दिए जाने के बावजूद पूछताछ के लिए सामने नहीं आ रहे थे, उनके फरार रहने के कारण अदालत में गैर जमानती वारंट जारी कर दिया था, वारंट जारी होने के बाद इनकी गिरफ्तारी हुई थीं।
पूर्व एडीएम जयश्री का नाम भागलपुर, बांका और सहरसा में सृजन घोटाले में आया था, इसके बाद सीबीआई ने अपनी एक प्राथमिकी में पूर्व एडीएम को नामजद किया था, सृजन घोटाले में गिरफ्तार जयश्री ठाकुर समेत अन्य 12 आरोपियों के विरुद्ध सीबीआई ने 27 मई 2019 को आरोप पत्र दाखिल किया था, इसमें पूर्व एडीएम के अलावा जिला भू-अर्जन पदाधिकारी कायार्लय के सहायक मुहम्मद अनीस अंसारी थे।
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इसके आलावा बैंक आफ बड़ौदा, भागलपुर शाखा के तत्कालीन प्रबंधक नीवन कुमार साहा, सहायक शाखा प्रबंधक संत कुमार सिन्हा, शाखा प्रबंधक सुजीत कुमार श्रीवास्तव, इंडियन बैंक के सहायक शाखा प्रबंधक दीवाकर टिग्गा, सहायक प्रबंधक हरकिशन अड़क, सेंट्रल को-आपरेटिव बैंक के सहायक शाखा प्रबंधक अशोक कुमार गुप्ता, शाखा प्रबंधक विजय कुमार शमार्, सहायक बालमुकुंद यादव, सृजन महिला विकास सहयोग समिति लिमिटेड की प्रबंधक सरिता झा तथा सेंट्रल को-आपरेटिव बैंक के अनुमंडलीय अंकेक्षक सतीश कुमार झा के खिलाफ सीबीआई ने अदालत आरोप पत्र दाखिल किया था।