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फर्जी सचिव की गिरफ़्तारी बस स्टेंड स्थित एक होटल से हुई। इसके अलावा लाइन बाजार स्थित एक मुसाफिरखाना में भी उसका एक कमरा बुक था। लाइन बाजार स्थित कमरे से पुलिस ने 35 लाख से अधिक के 30 चेक, फर्जी आर्म्स लाइसेंस, फर्जी आर्म्स लाइसेंस बनाने का दर्जनों आवेदन, नौकरी दिलाने के नाम पर लोगों से लिए गए दर्जनों दस्तावेज , अलग-अलग विभागों के चार मुहर, खाद्य बीज का फर्जी लाइसेंस बनाने से जुड़े दर्जनों दस्तावेज बरामद की गई है। मामले से संबंधित जानकारी लेने पर सदर एसडीपीओ पुष्कर कुमार ने बताया कि शहर के सहायक खजांची थाना क्षेत्र के रजनी चौक भट्टा बाजार निवासी बिलाल अहमद ठगी की एक प्राथमिकी दर्ज करायी थी। पुलिस अधीक्षक आमिर जावेद के निर्देश पर पुलिस ने इसकी गहनता से जांच शुरु की। इसी क्रम में खरीक के मूल निवासी मु. नजीर को गिरफ्तार किया गया।पुलिस को 35 लाख से अधिक के 30 चेक मिला है, जिसकी जांच की जा रही है। फर्जी लाइसेंस दिलाने के नाम पर उसने 50 से अधिक लोगों से ठगी की है।
गत चार महीनो से खुद को ग्रामीण कार्य विभाग का प्रधान सचिव बताकर पुलिस के अधिकारियों को भी धौंस दे रहा था। फर्जी ओहदे का धौंस दिखाकर वह सिटी एसपी, भागलपुर, कई डीएसपी, सीओ, थानेदार और ड्रग इंस्पेक्टर से फर्जी रेड भी करवा चुका है। अधिकारियों को सीनियर से शिकायत करने की घुड़की भी देता था। इससे अधिकारी भी परेशान हो रहे थे। खाद-बीज का लाइसेंस दिलाने, आर्म्स लाइसेंस बनवा देने, नौकरी दिला देने सहित अन्य बातों का झांसा देकर वह ठगी करता था। रुपये भी चेक या फिर डिजिटल पेमेंट के माध्यम से लेता था। ठगी के शिकार लोग पुलिस में न जाए, इसके लिए अधिकारियों को झांसे में लेकर झूठी सूचना पर छापेमारी करा देता था। पुलिस ने जब उस नंबर की कुंडली खंगालनी शुरु की तो नित्य चौकाने वाले तथ्य सामने आने लगे। उसी मोबाइल लोकेशन के आधार पर पुलिस ने उसे गिरफ्तार किया।