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मत्स्य विभाग को सूचना प्राप्त हुई थी कि प्रतिबंधित मछली की प्रजाति थाई मांगुर की तस्करी की जा रही है जिसके बाद प्रशासन हरकत में आई और तीन ट्रकों को जीटी रोड पर रोककर उनकी तलाशी ली तो उसमें से थाई मांगुर प्रजाति की मछली पाई गई जिनकी अनुमानित कीमत लाखों रुपए बताई गई है पुलिस प्रशासन को गड्ढा खोदकर नष्ट करने में जुटी हुई है वहीं पुलिस तस्करी में लिप्त लोगों के खिलाफ कार्रवाई करने में जुट गई है।
दरअसल थाईलैंड में विकसित होने वाली यह मछली पूरी तरह से मांसाहारी है इसकी विशेषता यह है कि यह किसी भी पानी यानी दूषित पानी में भी तेजी से बढ़ती है जहां एक ओर मछलियां पानी में ऑक्सीजन की कमी से मर जाती है लेकिन यह मछली फिर भी जीवित रहती है भारत सरकार ने वर्ष 2000 में ही थाई मांगुर मछली के पालन और बिक्री पर रोक लगा दी थी लेकिन इसकी बेखौफ बिक्री की जा रही है इस मछली के सेवन से घातक बीमारियां हो सकती हैं।
थाई मांगुर मछली को कैंसर का वाहक भी कहा जाता है यह मछली मांस को बड़े चाव से खाती है और सड़ा हुआ मांस मांस खाने के कारण इन मछलियों के शरीर की वृद्धि बहुत तेजी से होती है यही कारण है कि यह मछलियां 3 माह में 2 से 10 किलोग्राम वजन की हो जाती हैं इन मछलियों के अंदर घातक हेवी मेटल्स जिसमें आरसेनिक, कैडमियम, क्रोमियम, मरकरी, लेड अधिक पाया जाता है जो स्वास्थ्य के लिए बहुत हानिकारक है।
इससे प्रमुख रूप से गंभीर बीमारियां होती हैं जिसमें हृदय संबंधी बीमारी के साथ न्यूरोलॉजिकल, यूरोलॉजिकल, लीवर की समस्या, पेट एवं प्रजनन संबंधी बीमारियां और कैंसर जैसी घातक बीमारी अधिक हो रही हैं इसका पालन करने से स्थानीय मछलियों को भी क्षति पहुंचती है साथ ही जलीय पर्यावरण और जन स्वास्थ्य को खतरे की संभावना भी रहती है।