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पटना सिटी की रहने वाली ज्योति मार्च 2021 के बाद से ही नहीं सो पायी है अब नींद की दवा का साइड इफेक्ट भी दिखने लगा है इनका इलाज करने वाले डॉ मनोज कुमार ने बताया कि ज्योति के परिवार के कई सदस्यों को कोरोना हुआ था लेकिन वह संक्रमित नहीं हुई हालांकि साइड इफेक्ट घरवालों से अधिक ज्योति पर दिख रहा है घरवालों का कहना है कि ज्योति का बहुत टेस्ट कराया गया कई डॉक्टर से इलाज कराया गया लेकिन अभी तक कोई विशेष लाभ नहीं हुआ है डॉक्टर पोस्ट कोविड का मामला मानकर इलाज कर रहे हैं।
नींद न पूरी होने से छात्रा का ही परेशान है उसे घबराहट होती है और वह चिड़चिड़ापन का शिकार हो गई है, केस हिस्ट्री से पता चला है कि वह 1 साल से नींद की दवा खा रही है दवा खाने के बाद भी 24 घंटे में मात्र 3 घंटे या 3:30 घंटे सोती है इससे उसकी पढ़ाई भी बाधित हो रही है घरवालों का कहना है कि ज्योति पढ़ाई में काफी तेज रही रही है, अब वह काफी सुस्त हो गई है लोगों से उसका जुड़ाव कम हो गया है पूरी तरह से डिप्रेशन का दौर है अब तो नींद की कोई दवा भी नहीं काम कर रही है।
ऐसा ही कुछ दानापुर के रहने वाले अनिरुद्ध के साथ है डॉक्टर्स का कहना है कि 26 जनवरी 2021 में परेड ग्राउंड में चक्कर खाकर गिर गए काफी देर बाद होश आया बाद में पता चला कि घटना का कारण नींद पूरा नहीं होना है पूरी रात जागकर बीतती थी मुश्किल से 2 से 3 घंटे की सो पाते थे इस कारण खून की कमी के साथ अन्य समस्याएं उत्पन्न हो गई घर वालों का कहना है कि कोरोना से संक्रमित होने के बाद इस तरह की परेशानी होने लगी है।
डॉक्टर बताते हैं कि एक स्वस्थ व्यक्ति की नींद सात चक्र में पूरी होती है, एक चक्र 45 मिनट का होता है व्यक्ति जब साथ चक्र पूरा कर लेता है तो उसका अगला दिन सही होता हैं चक्र रैपिड आई मूवमेंट और नन रैपिड आई मूवमेंट होता है इसमें सात चक्र पूरा नहीं करने वालों का मानसिक स्वास्थ्य प्रभावित होता है जिससे रोग प्रतिरोधक क्षमता में कमी होती है, थायराइड, ब्लड प्रेशर, शुगर के साथ अन्य कई तरह की समस्याएं बढ़ जाती हैं।