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यदि नीतीश कुमार ने भ्रष्टाचार और कालेधन से समझौता नहीं किया हो तो उन्हें नोट बदली के ताजा फैसले का भी समर्थन करना चाहिए अमेरिका-यूरोप जैसी किसी भी बड़ी अर्थव्यवस्था में 100 से बड़े अंक की मुद्रा नहीं चलती, 2016 की नोट बंदी के बाद तात्कालिक आवश्यकता को देखते हुए दो हजार रुपये के नोट जारी किये गए थे लोग पहले ही सामान्य लेन-देन में दो हजार रुपये की बड़ी मुद्रा से बचते थे।
इसे वापस लेने की बैंकिंग प्रक्रिया भी चल रही थी, इसलिए नोट-बदली से जनता को कोई कठिनाई नहीं होगी, वहीं बीजेपी के वरिष्ठ नेता और पूर्व मंत्री बिहार शाहनवाज हुसैन ने अपनी जेब में रखे हुए 2000 के नोट को निकाल कर कहा कि मेरे पास एक या दो नोट है इसे आसानी से बदला लूंगा हंगामा करने वाले वही लोग हैं जिनके पास 2000 के नोटों के बंडल का बक्सा है जिसका कोई उनके पास सरकार को दिखाने का हिसाब नहीं है।